Korean Border Disputes: दक्षिण और उत्तर कोरियाई सैनिक बॉर्डर पर आमने-सामने, जानें क्यों हुई फायरिंग?

Korean Border Disputes: उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच 1050-53 के बीच युद्ध के बाद सीजफायर हुआ। समझौते के तहत दोनों देशों के बीच एक स्पेशल जोन DMZ बनाया गया।  

Updated On 2024-06-11 17:38:00 IST
Korean Border Disputes

Korean Border Disputes: सीमा क्षेत्र विवाद को लेकर दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के सैनिक एक बार फिर आमने-सामने आ गए। दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को दावा किया है कि इस हफ्ते उत्तर कोरियाई सैनिकों के बॉर्डर पार करने पर उसके सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर फायरिंग की थी। यह घटना डीएमजेड की है, जहां पर किसी भी देश की सैन्य गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक है।

आइए, जानते हैं DMZ का इतिहास?  

  • दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने बताया कि फॉर्वर्ड पोस्ट पर डीएमजेड में काम कर रहे कुछ उत्तर कोरियाई सैनिकों ने थोड़ी देर के लिए सैन्य सीमांकन रेखा (दोनों देशों का बॉर्डर) पार की थी। डीएमजेड सैन्य बॉर्डर है। दरअसल, 1050-53 के बीच चले युद्ध के बाद उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच युद्धविराम हो गया था। तब सीजफायर समझौते के तहत दोनों देशों के बीच एक स्पेशल जोन बनाया गया था, जिसे डीएमजेड के नाम से जाना जाता है।  
  • बारूदी सुरंगों से घिरी डीएमजेड दुनिया की सबसे भारी हथियारों से लैस बॉर्डर है। यहां सैकड़ों हजारों सैनिक एक-दूसरे के सामने डट कर खड़े हैं। इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों पर रोक है। DMZ 1950-53 के कोरियाई युद्ध की यादगार के तौर पर अब तक मौजूद है, जहां सीजफायर के बाद युद्ध तो खत्म हो गया, लेकिन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते अब तक तल्ख हैं। 

शायद गलती से सैनिकों ने पार की थी DMZ: जेसीएस प्रवक्ता
साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने बताया कि हमारी वॉर्निंग के बाद उत्तर कोरिया के सैनिक वापस लौट गए। अभी बॉर्डर पर कोई असामान्य हरकत नजर नहीं आई है। हमारी सेना सीमा पर तैनात सैनिकों पर कड़ी निगरानी रख रही है। वहीं, जेसीएस के प्रवक्ता ली सुंग जून ने कहा- ऐसा लगता नहीं कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने जानबूझकर सीमा पार की थी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह इलाका जंगली है और वहां सैन्य सीमांकन रेखा (डीएमजेड) के साफ तौर पर नजर नहीं आती है। 

N-कोरिया ने भेजे थे कूड़े वाले 750 गुब्बारे
बता दें कि हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की तरफ करीब 750 गुब्बारे भेजे थे, जिनमें सिगरेट के टुकड़े, खाद और टॉयलेट पेपर भरे हुए थे। उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने ऐसा दक्षिण कोरिया से भेजे गए प्रचार वाले गुब्बारों के जवाब में किया। दक्षिण कोरिया ने 2018 के किए गए सैन्य समझौते को रद्द कर दिया और गुब्बारों के जवाब में सीमा पर लाउडस्पीकर के जरिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। सियोल के इस कदम से उत्तर कोरिया बुरी तरह से भड़क उठा है। उसने दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है कि वे एक नए संकट को जन्म दे रहे हैं।

N-कोरिया बॉर्डर पर दोबारा लाउडस्पीकर लगा रहा  
दक्षिण कोरियाई सेना का कहना है कि उन्हें इस बात के संकेत मिले हैं कि उत्तर कोरिया सीमा पर अपने लाउडस्पीकर लगा रहा है। 1960 के दशक से उत्तर कोरिया सीमा पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर तानाशाह किम जोंग उन के परिवार की तारीफों का टेलीकॉस्ट करता आया है। लेकिन 2018 में दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के बाद इनका इस्तेमाल बंद कर दिया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि 2018 के समझौते को खत्म करने और लाउडस्पीकर प्रसारण को फिर से शुरू करने के फैसले के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 2020 में प्योंगयांग ने देश विरोधी पंपलेट बांटने का आरोप लगाते हुए दक्षिण कोरिया के साथ द्विपक्षीय रिश्ते खत्म कर सीमा पर स्थित एक इंटर-कोरियाई संपर्क कार्यालय को बम से उड़ा दिया था।

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