ब्रिटिश डिप्लोमैट जेन मैरिएट के POK दौरे पर भारत के सख्त तेवर, कहा- संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन अस्वीकार्य

India protest british high commissioner visit POK: ब्रिटिश हाई कमिश्नर जेन मैरिएट ने 10 जनवरी को पीओके का दौरा किया था। उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की।

Updated On 2024-01-13 18:29:00 IST
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इस 'उल्लंघन' पर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

India protest british high commissioner visit POK: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के ब्रिटेन दौरे के बीच ब्रिटिश हाई कमिश्नर जेन मैरियट की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की यात्रा पर विवाद शुरू हो गया है। भारत ने जेन मैरियट की यात्रा को आपत्तिजनक करार देते हुए ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इसे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करार दिया है। 

क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन अस्वीकार्य
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत ने 10 जनवरी 2024 को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के एक अधिकारी के साथ इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की अत्यधिक आपत्तिजनक यात्रा को गंभीरता से लिया है। भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इस 'उल्लंघन' पर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत के अभिन्न अंग हैं और रहेंगे।

ब्रिटेन की राजदूत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का दौरा किया। इस पर विवाद शुरू हो गया है।

अफसरों से की मुलाकात 
दरअसल, ब्रिटिश हाई कमिश्नर जेन मैरिएट ने 10 जनवरी को पीओके का दौरा किया था। उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ब्रिटेन के दिल और पाकिस्तान के लोगों के बीच आपसी संबंधों के सेंटर मीरपुर से सलाम। 70 फीसदी ब्रिटिश पाकिस्तानी मूल रूप से मीरपुर से हैं। हमारा मिलकर करना प्रवासी हितों के लिए महत्वपूर्ण है। खातिरदारी के लिए उन्होंने आभार जताया। 

बीते साल अमेरिकी दूत ने किया था दौरा
पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान में अमेरिकी दूत डोनाल्ड ब्लोम ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र का दौरा किया था। नई दिल्ली ने वाशिंगटन को इस यात्रा पर अपनी कड़ी आपत्ति से अवगत कराया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आग्रह किया। 

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