ड्रैगन की नई करतूत: चीन ने भूटान शाही परिवार की पुश्तैनी जमीन हड़पी, सैटेलाइट इमेज से खुली पोल
China encroached Bhutan Royal Family Ancestral Land:चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए जाना जाता है। यह अक्सर अपने पड़ोसी देशों की सीमा में घुसपैठ करता है। मौका मिलते ही उनकी जमीन पर कब्जा कर लेता है। चीन कई देशों की जमीन पर कब्जा कर चुका है। इस नई कड़ी में भारत के पड़ोसी देश भूटान का नाम सामने आया है। चीन ने पहले तो भूटान के शाही परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा किया और अब उसपर एक बड़ा टाउनशिप तैयार कर दिया है। एक सैटेलाइट इमेज से चीन की इस करतूत का खुलासा हुआ है।
China encroached Bhutan Royal Family Ancestral Land: चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए जाना जाता है। यह अक्सर अपने पड़ोसी देशों की सीमा में घुसपैठ करता है। मौका मिलते ही उनकी जमीन पर कब्जा कर लेता है। चीन कई देशों की जमीन पर कब्जा कर चुका है। इस नई कड़ी में भारत के पड़ोसी देश भूटान का नाम सामने आया है। चीन ने पहले तो भूटान के शाही परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा किया और अब उसपर एक बड़ा टाउनशिप तैयार कर दिया है। एक सैटेलाइट इमेज से चीन की इस करतूत का खुलासा हुआ है।
अमेरिकी कंपनी ने जारी की तस्वीरें
Maxar tecchologies ने चीन के कब्जे को बताने वाली नई तस्वीरें जारी की है। अमेरिका की यह कंपनी सैटेलाइट इमेजिंग पर काम करती है। इन तस्वीरों से साफ पता चलता है कि चीन ने भूटान के बेयुल खेनपाजोंग इलाके में अवैध निर्माण किया है। बताया जा रहा है कि यह जमीन भूटान के शाही परिवार का है। बेयुल खेनपाजोंग में जिस जगह चीन ने कब्जा किया वह एक नदी घाटी के किनारे है। कब्जे की यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब चीन और भूटान सीमा विवाद को सुलझाने के लिए आपस में बातचीत कर रहे हैं।
क्या बोले भूटान में भारत के राजदूत?
चीन ने जिस जमीन पर कब्जा किया है वह भूटान की संस्कृति की लिहाज से बेहद अहम है। बेयुल खेनपाजोंग में चीन के कब्जे पर भूटान में भारत के राजदूत रिटायर्ड मेजर जनरल वेटसोप नामग्येल ने कहा कि भूटान और चीन में सीमा विवाद पर बातचीत हो रही है। ऐसे मामलों में टिप्पणी करना हमारी नीतियों में नहीं है। हालाकि उन्होंने कहा कि भारत सीमा विवाद पर होने वाली बातचीत में हमेशा भूटान के हितों की रक्षा करेगा।
क्या बोले विशेषज्ञ?
लंदन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) में तिब्बती इतिहास के एक्सपर्ट प्रोफेसर रॉबर्ट बार्नेट ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रोफेसर बार्नेट के मुताबिक चीन ने जिस जमीन पर कब्जा किया है वह भूटान की संस्कृति की लिहाज से बेहद अहम है। चीन इस इलाके को लेकर संदिग्ध दावेदारी पेश करता रहा है। चीन यह समझता है कि पड़ोसी देश के पास इस तरह के कब्जे का जवाब देने के लिए बहुत कम विकल्प है।
क्या है चीन और भूटान का सीमा विवाद?
चीन और भूटान के बीच डोकलाम पठार को लेकर विवाद है। डोकलाम एक विवादित क्षेत्र है। भूटान का दावा है कि यह इसका हिस्सा है। वहीं, चीन डोकलाम को डोंगलांग बुलाता है और इस पर अपनी दावेदारी पेश करता है। भारत की आजादी से पहले तक इस क्षेत्र को लेकर कोई विवाद नहीं था। न तो ब्रिटेन के लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई और न ही चीन की नजर इस पर थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद चीन डोकलाम पठार को लेकर अपना दावा पेश करने लगा।
क्यों अहम है डोकलाम?
डोकलाम एक ट्राइंजंक्शन है। आसान शब्दों में समझे तो यह एक ऐसा तिराहा है जो भारत, भूटान और चीन को जोड़ता है। यही वजह है कि रणनीतिक तौर पर यह इन तीनों देशों के लिए अहम है। चीन भारत की सीमा के बिल्कुल करीब तक पैठ बनाना चाहता है। इसके लिए सड़कों का नेटवर्क तैयार कर रहा है। ताकी जंग होने की सूरत में वह आसानी से अपनी सेना और टैंकों को भेज सके। यही वजह है कि चीन डोकलाम पर कब्जा करना चाहता है।