कुलमन घीसिंग या बालेद्र शाह: कौन बनेगा नेपाल का नया प्रधानमंत्री? सुशीला कार्की का विरोध; जानें वजह
नेपाल में केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री की दौड़ में कुलमन घीसिंग सबसे आगे। जानें उनके करियर और योगदान की पूरी कहानी।
कुलमन घीसिंग या बालेद्र शाह : कौन बनेगा नेपाल का नया प्रधानमंत्री
Interim Prime Minister Nepal 2025: नेपाल की सियासत में बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए बिजली बोर्ड के पूर्व सीईओ कुलमन घीसिंग का नाम सबसे आगे है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की और काठमांडु के मेयर बालेंद्र शाह का नाम भी चर्चा में हैं।
जनता के बीच जबरदस्त समर्थन हासिल कर चुके Gen-Z प्रदर्शनकारियों द्वारा गुरुवार को घीसिंग के नाम की औपचारिक घोषणा की जा सकती है। उधर, देशभर में नेपाल सेना द्वारा सुबह 6 बजे से कर्फ्यू और प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए गए हैं।
अंतरिम PM के लिए 3 नाम चर्चा में
सूत्रों के अनुसार, अंतरिम सरकार के संभावित नेतृत्व के लिए 3 नामों पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, मौजूदा जन समर्थन को देखते हुए कुलमन घीसिंग इस दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
- कुलमन घीसिंग: पूर्व एमडी, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA)
- सुशीला कार्की: नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश
- बालेंद्र शाह: काठमांडू के मेयर
कुलमन घीसिंग कौन हैं? जानें 5 अहम बातें
1. लोड शेडिंग खत्म करने वाले नायक
नेपाल में कभी 18 घंटे तक बिजली कटौती सामान्य बात थी। 2016 में NEA के प्रबंध निदेशक बनने के बाद कुलमन घीसिंग ने देशभर की लोड-शेडिंग लगभग खत्म कर दी और ‘राष्ट्रीय हीरो’ बन गए।
2. भारत से ली तकनीकी शिक्षा
घीसिंग ने जमशेदपुर स्थित क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (अब NIT) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से पावर सिस्टम इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया।
3. NEA में लंबा कार्यकाल
1994 से NEA में काम शुरू करने वाले घीसिंग ने विभिन्न तकनीकी और प्रबंधन पदों पर काम किया। पहली बार उन्हें 2016 में एमडी नियुक्त किया गया और 2021 में दोबारा इस पद पर लाया गया।
4. विवादित बर्खास्तगी
ओली सरकार ने मार्च 2025 में, कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही उन्हें NEA के पद से बर्खास्त कर दिया। उनकी जगह हितेंद्र देव शाक्य को नियुक्त किया गया।
5. जन समर्थन और राजनीतिक हलचल
कुलमन घीसिंग की बर्खास्तगी के बाद जनता, विपक्ष और नागरिक संगठनों ने इस निर्णय की आलोचना की। इसे राजनीतिक साजिश बताया गया। आज वही जन समर्थन उन्हें नेपाल के शीर्ष पद की ओर ले जा रहा है।
नेपाल को क्या टेक्नोक्रेट प्रधानमंत्री मिलेगा?
नेपाल के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब एक इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले टेक्नोक्रेट देश का नेतृत्व कर सकता है। वह भी जो किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा नहीं रहा। अगर ऐसा होता है तो यह कदम नेपाल की राजनीति में बदलाव की नई लहर का प्रतीक होगा।
सुशीला कार्की का विरोध क्यों?
प्रधानमंत्री ओपी कोली के इस्तीफे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम की चर्चा तेजी हुई। काठमांडु के मेयर बालेन शाह ने भी उनका समर्थन कर दिया, लेकिन जेन-जी प्रदर्शनकारियों के एक गुट को सुशीला पसंद नहीं हैं। वह भारत समर्थक बताते हुए उनका विरोध कर रहे हैं।