निमिषा प्रिया को 'मौत से मुक्ति': यमन में भारतीय नर्स को अब नहीं होगी फांसी; कैसे हुआ चमत्कार? जानिए

Nimisha Priya Death Sentence Cancelled: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में दी गई मौत की सजा को रद्द कर दिया है। यमन की राजधानी सना में हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला हुआ है।

Updated On 2025-07-29 08:58:00 IST

Nimisha Priya Death Sentence Cancelled

Nimisha Priya Death Sentence Cancelled: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में दी गई मौत की सजा को रद्द कर दिया है। यमन की राजधानी सना में हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला हुआ है। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के ऑफिस ने सोमवार (28 जुलाई) देर रात इसकी जानकारी दी। मुसलियार के कार्यालय ने बयान जारी कर बताया कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा अब पूरी तरह रद्द कर दी गई है। हालांकि बयान में यह भी स्पष्ट किया है कि अभी यमन सरकार से आधिकारिक लिखित पुष्टि नहीं हुई है।

कब, क्या हुआ, जानिए पूरी कहानी?
केरल के पलक्कड़ निवासी 34 वर्षीय निमिषा प्रिया 2008 में नौकरी की तलाश में यमन गई थीं। ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाली निमिषा ने यमन की राजधानी सना में स्थानीय नागरिक तालाल अब्दो महदी से संपर्क बनाया। दोनों ने मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया।

दोनों के बीच बिगड़े संबंध
समय के साथ दोनों के बीच संबंध बिगड़ने लगे। इसके बाद महदी ने निमिषा का उत्पीड़न करना शुरू कर दिया और सार्वजनिक रूप से स्वयं को उसका पति बताने लगा। उसने निमिषा का पासपोर्ट भी ज़ब्त कर लिया, ताकि वह यमन छोड़कर भारत न लौट सकें।

महदी की हो गई मौत 
यमन के अधिकारियों के मुताबिक, 2017 में निमिषा ने कथित तौर पर अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को बेहोश करने की कोशिश की थी। लेकिन ओवरडोज़ के कारण महदी की मौत हो गई। इसके बाद यमनी पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया।

2018 में हत्या का दोषी
2018 में अदालत ने उन्हें हत्या का दोषी माना और 2020 में उन्हें मौत की सजा सुना दी गई। यह मामला अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चित हो गया। कई मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनकी सजा के खिलाफ अभियान चलाया और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की।

16 जुलाई को होनी थी फांसी
दिसंबर 2024 में यमन के राष्ट्रपति रशाद अल-आलीमी ने फांसी की सजा को मंजूरी दे दी। जनवरी 2025 में हूती विद्रोही नेता महदी अल-मशात ने भी इसकी पुष्टि कर दी। 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी थी। भारत में धार्मिक और कूटनीतिक स्तर पर बचाव के लिए प्रयास तेज हुए।

अब नहीं होगी फांसी
भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम ​​​​​​एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज ने 15 जुलाई को मसले पर बातचीत की थी। केरल के ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर के दखल के बाद निमिषा प्रिया को दी जाने वाली सजा-ए-मौत अस्थाई रूप से टाल दी गई थी। अब सोमवार को ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने बताया कि यमन में उच्च स्तरीय बैठक के बाद निमिषा की मौत की सजा रद्द कर दी गई है। हालांकि यमनी सरकार से आधिकारिक पुष्टि अभी आनी बाकी है।

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