ईरान-इजरायल युद्ध: 150 से ज्यादा मौतें, कई घायल; अमेरिका-रूस और खाड़ी देश संकट के मुहाने पर; जानें भारत पर क्या होगा असर?
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध में अब अमेरिका और खाड़ी देशों के शामिल होने की आशंका बढ़ गई है। जानिए इस संघर्ष के संभावित वैश्विक असर, परमाणु खतरे और तेल संकट की पूरी कहानी।
ईरान-इजरायल युद्ध: अमेरिका, रूस और खाड़ी देश संकट के मुहाने पर
Iran-Israel war 2025 : ईरान और इजरायल के बीच जारी टकराव युद्ध में तब्दील हो चुका है। मिसाइल हमलों, ड्रोन अटैक और बमबारी की खबरें आम हो गई हैं। दोनों देशों में अब 150 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इजरायल ने तेहरान और बुशहर स्थित ईरान के ऑयल डिपो को ठिकाना बनाया है। अब चिंता इस बात की है कि ये संघर्ष कहीं ईरान-इजरायल की सीमाओं से बाहर निकलकर अन्य देशों को चपेट में न ले ले।
अगर अमेरिका कूद पड़ा मैदान में?
ईरान ने दावा किया है कि अमेरिका इजरायल को मौन समर्थन दे रहा है। ऐसे में ईरान ने इराक, कुवैत और खाड़ी क्षेत्र में स्थित अमेरिकी ठिकानों को रडार पर लिया है, लेकिन कोई अमेरिकी नागरिक मारा गया तो अमेरिकी द्वारा जवाबी हमला तय माना जा रहा है।
बंकर बस्टिंग बमों से खतरा
अमेरिका के पास ऐसे हथियार हैं, जो ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र तक को भेद सकते हैं। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान में शासन परिवर्तन की मांग रिपब्लिकन गुट में फिर से जोर पकड़ सकती है।
खाड़ी देश खींचे गए युद्ध में?
ईरान पहले ही सुपरसोनिक मिसाइल से हमला कर चुका है। इजरायल इसी तरह हमले विफल करता रहा तो ईरान बौखला कर तेल संयंत्रों, एयरबेस और अमेरिकी सहयोगी देशों को निशाना बना सकता है।
व्यापक हो सकती है जंग
सऊदी और UAE पर 2019 और 2022 में हुए हमले इसका उदाहरण हैं। खाड़ी देश यदि हमलों का शिकार होते हैं, तो उन्हें अमेरिकी सैन्य सहयोग की ज़रूरत पड़ेगी। इससे जंग और व्यापक हो सकती है।
क्या ये तीसरे विश्व युद्ध के संकेत?
रूस और चीन अभी कूटनीतिक मोर्चे पर हैं, लेकिन अमेरिका मैदान में उतरा तो स्थिति बिगड़ सकती है। ईरान चूंकि तेल का बड़ा निर्यातक है। लिहाजा, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
अमेरिकी अलर्ट और चिंता का संकेत
अमेरिका ने अपने नागरिकों को ईरान न जाने और जल्द छोड़ने की चेतावनी दी है। भारत ने भी ईरान इजरायल में रह रहे अपने नागरिकों को अलर्ट किया है। माना जा रहा है कि ये संघर्ष लंबा चल सकता है।
परमाणु खतरा कितना बड़ा?
इजरायल का दावा है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अमेरिका के पास MOP (Massive Ordnance Penetrator) जैसे हथियार हैं, जो गहराई में छिपे ईरानी ठिकानों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध: 150 से अधिक मौतें
- ईरान ने अब तक 138 से अधिक मौतें और 350 से अधिक घायलों की पुष्टि की है। जबकि, इजरायल में 10 नागरिकों की मौत और 300 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं।
- इजरायल ने तेहरान, फोर्डो और इस्फहान की सैन्य व परमाणु साइट्स को निशाना बनाया है। जबकि ईरान ने तेल अवीव और रमत गान समेत कई शहरों पर मिसाइलें दागी हैं। दोनों देशों की इमारतें, सैन्य ठिकाने और इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
- ईरान-इजरायल संघर्ष से खाड़ी क्षेत्र और वैश्विक तेल आपूर्ति पर संकट गहराता जा रहा है। युद्ध के और फैलने का खतरा बना हुआ है।
- ईरान-इजरायल संघर्ष अब सिर्फ दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं बचा, बल्कि यह संघर्ष यूएस, खाड़ी देश और रूस-चीन को अपनी चपेट में लिया तो इतिहास का सबसे बड़ा वैश्विक संकट पैदा कर सकता है।
भारत और विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
ईरान चूंकि तेल का बड़ा निर्यातक है। लिहाजा, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ेगा। तेल की कीमतें बढ़ेंगी और विकासशील देशों पर महंगाई का दबाव आएगा। यूरोप और एशिया के ऊर्जा सुरक्षा संकट में आ सकते हैं। चीन और भारत को अपने ऊर्जा स्रोतों की रणनीति बदलनी पड़ सकती है। हालांकि, भारत ईरान से क्रूड ऑयल इम्पोर्ट नहीं करता, लेकिन यदि अन्य खाली देश इसकी चपेट में आए तो समस्या बढ़ सकती है।