शेख हसीना को फांसी की सजा: बांग्लादेशी कोर्ट ने छात्रों की हत्याओं के लिए दोषी ठहराया, भारत में हैं पूर्व पीएम; MEA ने जारी किया स्टेटमेंट
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रदर्शनकारियों की हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। ICT कोर्ट ने कहा कि हसीना ने घातक कार्रवाई का आदेश दिया था। 15 महीने से वह भारत में रह रही हैं। देशभर में सुरक्षा कड़ी की गई।
Bangladesh Former PM Sheikh Hasina
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री आसदुज्जमान खान कमाल को फांसी की सजा सुनाई गई है। ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने दोनों को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी करार दिया है। अदालत ने उन्हें अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसक हत्याओं का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।
शेख हसीना को पिछले साल तख्तापलट के बाद भारत में शरण मिली थी। वे तब से दिल्ली में रह रही हैं, जो अब 15 महीने से अधिक हो चुके हैं। इस फैसले के खिलाफ बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे पूरे देश में हिंसा का माहौल है।
सरकार ने पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। राजधानी ढाका में 15,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, और उन्हें हिंसक भीड़ पर गोली चलाने की छूट दी गई है। शनिवार रात से रविवार सुबह के बीच ढाका में दो बसों को आग लगा दी गई। फैसले के बाद हिंसा और तेज होने की आशंका को देखते हुए सुरक्षा बलों ने राज्यव्यापी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को तीन गंभीर मामलों में दोषी ठहराया गया है। इनमें न्याय में बाधा डालना, प्रदर्शनकारियों की हत्याओं का आदेश देना और दंडात्मक हत्याओं को रोकने में विफल रहना शामिल है।
न्यायाधीश मोहम्मद गुलाम मुर्तुज़ा मोजुमदार की अगुवाई वाली बेंच ने 453 पृष्ठों के विस्तृत फैसले के छह खंडों के अंशों को लाइव प्रसारण के माध्यम से पढ़ा।
न्यायाधिकरण ने कई रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि हसीना ने व्यक्तिगत रूप से ढाका में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हेलीकॉप्टरों और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया था। इसके अलावा, उनकी सरकार ने घायलों को चिकित्सा उपचार से वंचित रखा, उन्हें झूठे नामों से अस्पतालों में भर्ती कराया और गोलीबारी के निशानों को छिपाने की कोशिश की। एक डॉक्टर को अबू सईद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने की धमकी तक दी गई थी।
हालांकि, पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को मौत की सजा से छूट मिल गई। वे सरकारी गवाह बन चुके हैं। इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल भी सह-आरोपी थे, लेकिन वे भी अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए।
यह फैसला 2024 के बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराधों का आरोप है, जो बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता को और गहरा सकता है।
मोहम्मद यूनुस ने कहा- कानून से ऊपर कोई नहीं
बांग्लादेश में अदालत द्वारा दिए गए अहम फैसले पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रो. मोहम्मद यूनुस ने बयान जारी किया है। उन्होंने X पोस्ट पर लिखा-अदालत का फैसला यह स्पष्ट करता है कि देश में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। जुलाई-अगस्त 2024 में हुए दमन और हिंसा में मारे गए लोगों को यह फैसला “अपर्याप्त लेकिन महत्वपूर्ण न्याय” देता है।
यूनुस ने कहा कि 1,400 से ज्यादा निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिनमें छात्र, अभिभावक और आम लोग शामिल थे। उन्होंने बताया कि कई महीनों की गवाही से सामने आया कि निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर घातक बल, यहां तक कि हेलीकॉप्टर से की गई फायरिंग का इस्तेमाल हुआ था। इस फैसले को उन्होंने पीड़ितों की आवाज को मान्यता देने वाला बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि आगे की राह केवल कानूनी जवाबदेही नहीं, बल्कि जनता और संस्थाओं के बीच विश्वास बहाल करने की है। यूनुस ने उम्मीद जताई कि मानवाधिकार और कानून के राज के प्रति प्रतिबद्धता के साथ बांग्लादेश न्याय और लोकतंत्र की राह पर आगे बढ़ेगा।
भारत का आधिकारिक बयान: शेख हसीना मामले पर प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में आए हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा:
“भारत ने ‘बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सुनाए गए फैसले पर संज्ञान लिया है। एक घनिष्ठ पड़ोसी के रूप में भारत बांग्लादेश के नागरिकों के सर्वोत्तम हितों के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता को बढ़ावा देना शामिल है। हम इस दिशा में सभी संबंधित पक्षों के साथ निरंतर रचनात्मक सहयोग बनाए रखेंगे।”
अंतरिम सरकार ने की नागरिकों से शांति की अपील
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सजा सुनाए जाने के फैसले पर अंतरिम सरकार ने बयान जारी करते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया है। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने नागरिकों से शांति, संयम और जिम्मेदारी का परिचय देने की अपील की है।
सरकार ने विशेष रूप से लोगों से अनुरोध किया है कि इस फैसले के बाद किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, उकसावे वाली कार्रवाई, हिंसा या कानून-विरोधी कृत्य से दूर रहें।
शेख हसीना के बेटे का बयान: 'मां भारत में पूरी तरह सुरक्षित'
मीडिया खबरों के अनुसार, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पुत्र सजीब वाजेद जॉय ने कुछ दिन पहले पत्रकारों से बातचीत में खुलासा किया था कि उन्हें पहले से ही आशंका थी कि उनकी मां को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हसीना वर्तमान में भारत में सुरक्षित हैं और भारतीय खुफिया एजेंसियां उनकी समग्र सुरक्षा का पूरा इंतजाम कर रही हैं।
वाजेद ने आगे जोर देते हुए बताया कि शेख हसीना पांच बार देश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं, जिनके लाखों समर्थक बांग्लादेश भर में फैले हुए हैं। उनकी अगुवाई वाली अवामी लीग देश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में शुमार है। इसलिए, वे इसका कड़ा प्रतिकार करेंगे।
हसीना का बयान आया, बोलीं - ये फैसला गलत और पक्षपाती
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि उनके खिलाफ आया फैसला गलत, पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित है। उनका कहना है कि यह फैसला ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है जिसे एक गैर-निर्वाचित सरकार चला रही है और जिसके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है।
अभियोजन पक्ष ने बताया ऐतिहासिक जीत
अभियोजन पक्ष ने फैसले के तुरंत बाद इसे शहीदों और देशभक्तों की ऐतिहासिक जीत बताते हुए खुलकर सराहना की, जो समूचे राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रहा है।
मारे गए लोगों को न्याय मिला: अटॉर्नी जनरल
फैसले के बाद अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि जुलाई क्रांति में मारे गए लोगों और देश दोनों को ही अब न्याय मिल गया है।
पूर्व बांग्लादेशी IGP ने कोर्ट से मांगी माफी
बांग्लादेश के पूर्व IGP ममून ने कोर्ट से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मैंने कोर्ट का पूरा साथ दिया। ममून ने माना कि वह हिंसा में शामिल थे। उन्होंने बताया कि 4 लोगों ने मिलकर साजिश की। वे सभी PM के आवास पर रोज मीटिंग करते थे।
ममून ने कहा कि उन्होंने 36 साल की सर्विस में कोई जुर्म नहीं किया। इस घटना ने उसकी छवि खराब की है। उनकी दलील सुनने के बाद जज ने कहा है कि हम कम सजा देंगे। उन्हें क्या सजा मिलेगी यह बाद में तय होगा।
शेख हसीना के बेटा ने कहा- मेरी मां भारत में सुरक्षित
अल जजीरा के मुताबिक शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कुछ दिन पहले पत्रकारों से कहा था कि उन्हें पहले से पता है कि उनकी मां को मौत की सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हसीना भारत में सुरक्षित हैं और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उनकी पूरी रक्षा करेंगी।
वाजेद ने कहा कि शेख हसीना 5 बार प्रधानमंत्री रही हैं और देश में उनके बहुत समर्थक हैं। उनकी पार्टी अवामी लीग बांग्लादेश की दो सबसे बड़ी पार्टियों में से एक है। इसलिए वे इस फैसले को हल्के में नहीं लेंगे।
शेख हसीना की सभी प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश
कोर्ट ने शेख हसीना को हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने में दोषी माना है। इसके साथ ही हसीना और पूर्व गृहमंत्री कमाल की बांग्लादेश में मौजूद सभी प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया है।