UNESCO: अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल हुई दीपावली, भारत ने कहा- 'गर्व का पल'
दीपावली को यूनेस्को ने अपनी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की लिस्ट में शामिल किया है। इस घोषणा के बाद विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री और कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में दीपावली शामिल।
UNESCO: भारत के लिए गर्व की बात है कि रोशनी का पर्व दीपावली अब यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल हो गया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर विदेश मंत्रालय ने खुशी जताते हुए कहा कि दीपावली अच्छाई पर बुराई की जीत और भगवान राम के अयोध्या लौटने का प्रतीक है, जिसे दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है।
यूनेस्को ने दी बधाई
यूनेस्को ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा-“अमूर्त धरोहर की लिस्ट में नया नाम: दीपावली, भारत। बधाई हो!”
दीपावली की वैश्विक लोकप्रियता को लेकर पीएम मोदी का पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दीपावली भारत की संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं से गहराई से जुड़ा त्योहार है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को की इस मान्यता से दीपावली की वैश्विक लोकप्रियता और बढ़ेगी।
विदेश मंत्री ने किया पोस्ट
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और समाज को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इसे “खुशखबरी” बताते हुए कहा कि दीपावली का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व दुनिया भर में लोगों को जोड़ता है।
दिल्ली सरकार ने भी फैसले का किया स्वागत
दिल्ली सरकार ने भी इस फैसले का स्वागत किया। इससे एक दिन पहले दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा था कि यूनेस्को की मान्यता मिलते ही पूरी राजधानी में भव्य तरीके से दीपावली मनाई जाएगी। लाल किले से लेकर सरकारी भवनों तक रोशनी और सजावट होगी तथा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल
गौरतलब है कि इससे पहले कोलकाता की दुर्गा पूजा को भी यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया गया था। वहीं, केंद्र सरकार छठ महापर्व को शामिल कराने के लिए भी प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बताया था कि छठ पर्व को इस सूची में शामिल करने की कवायद जारी है।
UNESCO की सूची में शामिल भारत की प्रमुख अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
- दिवाली - 2025
- दुर्गा पूजा (कोलकाता) - 2021
- कुंभ मेला (उत्तर प्रदेश) - 2017
- योग - 2016
- नौरूज (Nowruz) - 2016
- कुटियाट्टम (संस्कृत थियेटर- केरल) - 2008
- रामलीला (रामायण पर आधारित पारंपरिक नाट्य-प्रस्तुति) - 2008
- वेदपाठ / वैदिक पाठ - 2008
- रम्मन (गढ़वाल हिमालयों का धार्मिक उत्सव एवं रंगमंच) - 2009
- कालबेलिया लोक गीत और नृत्य (राजस्थान) - 2010
- छाऊ नृत्य (पश्चिम बंगाल / ओडिशा / झारखंड क्षेत्र की पारंपरिक नृत्य-कला) - 2010
- मेदियेत्तू (केरल — धार्मिक नाट्य/नृत्य) - 2010
- लद्दाख में बौद्ध पाठ - 2012
- मणिपुर — सत्संग, गायन और नृत्य -2013
- पंजाब के जंडियाला गुरु के ठठेरों के बीच बर्तन बनाने का पारंपरिक पीतल और तांबे का काम - 2014
- गुजरात की पारंपरिक लोक नृत्य गरबा- 2023