सीएम योगी का ऐतिहासिक फैसला: PWD अधिकारियों के वित्तीय अधिकार को 1995 के बाद अब 5 गुना तक बढ़ाया गया!
सरकार द्वारा बदले हुए नियम के बाद अब मुख्य अभियंता 10 करोड़ और अधीक्षण अभियंता 5 करोड़ तक के कार्यों को मंजूरी दे सकेंगे।
यह निर्णय उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा 1990 में अपेक्षित संशोधन करके लागू किया जाएगा।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसका सीधा असर प्रदेश के विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता पर पड़ेगा। लगभग 30 वर्षों के बाद, PWD के अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक की भारी वृद्धि करने का फैसला किया गया है। यह वृद्धि लागत और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी को देखते हुए की गई है, क्योंकि वर्ष 1995 में तय की गई वित्तीय सीमाएं अब अप्रासंगिक हो चुकी थीं।
इस निर्णय के तहत, अब मुख्य अभियंता को 10 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार होगा, जबकि पहले यह सीमा काफी कम थी। इसी प्रकार, अधीक्षण अभियंता को 5 करोड़ तक के कार्यों को मंजूरी देने का अधिकार मिलेगा। निचले स्तर पर, अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के वित्तीय अधिकारों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। इस बड़े बदलाव के पीछे मुख्य उद्देश्य निर्णय प्रक्रिया को त्वरित बनाना और निर्माण कार्यों में होने वाले अनावश्यक विलंब को समाप्त करना है। मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और सार्वजनिक कार्यों में अधिक पारदर्शिता आएगी। यह निर्णय उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) नियमावली, 1990 में अपेक्षित संशोधन करके लागू किया जाएगा।
प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि की उम्मीद
अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में यह वृद्धि केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव सरकारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़ेगा। इससे निविदा जारी करने, अनुबंध करने और कार्यारंभ की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी।
उदाहरण के लिए, पहले एक मध्यम आकार के पुल या सड़क मरम्मत के कार्य के लिए फाइल को कई प्रशासनिक स्तरों से गुजरना पड़ता था, जिसमें महीनों लग जाते थे। अब, बढ़ी हुई वित्तीय शक्ति के कारण, संबंधित मुख्य अभियंता या अधीक्षण अभियंता अपने स्तर पर ही महत्वपूर्ण निर्णय ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सुनिश्चित किया है कि वित्तीय अधिकारों के साथ-साथ जवाबदेही और पारदर्शिता बनी रहे, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हो। यह निर्णय PWD को और अधिक जवाबदेह, कुशल और परिणाम-उन्मुख विभाग बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे सरकारी खजाने का पैसा समय पर और सही तरीके से खर्च हो सकेगा, जिससे राज्य के विकास को गति मिलेगी।
सेवा नियमावली में संशोधन और नए पदों का सृजन
वित्तीय अधिकारों में वृद्धि के अलावा, मुख्यमंत्री योगी ने PWD की आंतरिक संरचना और पदोन्नति प्रणाली को भी सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) नियमावली, 1990 में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक है विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता का एक नया पद शामिल करना। साथ ही, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में भी वृद्धि की जा रही है। इन पदों की संख्या बढ़ने से अधिकारियों को पदोन्नति के अधिक और स्पष्ट अवसर मिलेंगे, जिससे विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।