तारीख हुई पक्की, दाम भी बढ़े: यूपी में 1 अक्टूबर से शुरू होगी धान खरीद!
उत्तर प्रदेश सरकार 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करेगी। जिसमें किसानों को भरी हुई एमएसपी के हिसाब से भुगतान भी किया जाएगा। किसानों आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने के लिए धान खरीद की तैयारी पूरी कर ली है। इस साल किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, क्योंकि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। धान की खरीद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर से और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 नवंबर से शुरू होगी।
किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि इस साल धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाया गया है। सामान्य धान के लिए एमएसपी 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड 'ए' धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह वृद्धि सीधे तौर पर किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी। खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए, प्रदेश को दो अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभागों, जैसे मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, और झांसी में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों में भी इसी समय सीमा का पालन किया जाएगा।
वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के संभागों, जैसे चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर और प्रयागराज में धान खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी और 28 फरवरी 2026 तक जारी रहेगी। लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जिलों में भी इसी अवधि में खरीद होगी।
पंजीकरण प्रक्रिया और भुगतान व्यवस्था
धान बेचने के इच्छुक किसानों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण की प्रक्रिया 1 सितंबर से शुरू हो चुकी है। किसान खाद्य एवं रसद विभाग की आधिकारिक वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP KISAN MITRA पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। बिना पंजीकरण के किसी भी किसान से धान की खरीद नहीं की जाएगी।
पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने ओटीपी-आधारित सिंगल पंजीकरण की व्यवस्था की है। किसान अपने मोबाइल पर आए एसएमएस के ओटीपी को भरकर आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं।
डीबीटी के माध्यम से होगा पैसा ट्रांसफर
इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और बिचौलियों को रोकने पर विशेष ध्यान दिया गया है। धान खरीद केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस के माध्यम से किसानों के बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही खरीद होगी। साथ ही, किसानों को उनके धान का भुगतान सीधे उनके आधार से लिंक बैंक खाते में किया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो।
जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर
अब तक, 20 सितंबर तक लगभग 10,000 किसानों ने धान बेचने के लिए पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा लिया है। अगर किसी किसान को कोई समस्या या जानकारी चाहिए, तो वे टोल फ्री नंबर 18001800150 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान अपने जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से भी संपर्क कर सकते हैं।