बरेली हिंसा: बाहरी नेताओं की नो एंट्री, सपा प्रतिनिधिमंडल रोका गया; शहर में धारा 163 लागू
‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के बाद बरेली में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात। सपा प्रतिनिधिमंडल को दौरे से रोका गया, प्रमुख नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया।
प्रशासन ने साफ किया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में 26 सितंबर को 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद के बाद हुई हिंसक घटनाओं के बाद से तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। शहर में अभी भी भारी पुलिस बल तैनात है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। शहर के संवेदनशील इलाकों में धारा 163 लागू है, जिसके तहत चार या उससे अधिक लोगों के एक जगह जमा होने पर प्रतिबंध है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह शांति व्यवस्था को बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि या व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सपा प्रतिनिधिमंडल को रोकने का फैसला
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने रविवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए एक 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बरेली भेजने की तैयारी की थी। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को करना था। पार्टी का उद्देश्य स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानना और हिंसा के बाद की स्थिति का आकलन करना था। हालांकि, बरेली प्रशासन ने इस दौरे को अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी राजनीतिक व्यक्ति या दल को वर्तमान में जिले में प्रवेश की परमीशन नहीं दी जाएगी।
प्रमुख नेताओं को किया गया हाउस अरेस्ट
प्रशासन ने सपा के इस प्रतिनिधिमंडल को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं और इसके प्रमुख नेताओं को उनके आवास पर ही रोक दिया गया है।
माता प्रसाद पांडेय (नेता प्रतिपक्ष) को उनके वृंदावन इलाके स्थित आवास पर ही रोक दिया गया है। उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने उनके आवास पर एक नोटिस भी चस्पा किया है, जिसमें बरेली में लागू धारा 163 का हवाला दिया गया है और उनसे बरेली का दौरा न करने की अपील की गई है, वहीं जियाउर्रहमान बर्क (सपा सांसद) उन्हें उनके गृह जनपद संभल में उनके आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। बर्क के आवास के बाहर भी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है ताकि वह बरेली के लिए रवाना न हो सकें। नोटिस में इकरा और हसन जैसे सपा के अन्य नेताओं का नाम भी है, जिन्हें बरेली जाने से रोका गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे बरेली जाने से रोके जाने पर उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है।
हिंसा का कारण और मौजूदा पुलिस कार्रवाई
बरेली में हिंसा जुमे की नमाज के बाद भड़की थी। यह हिंसा 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर शुरू हुई, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो उठी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस ने इस मामले में कठोर कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा भड़काने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान के लिए पुलिस की जांच जारी है।
प्रशासन का कहना है कि राजनीतिक दलों के दौरे से स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा कारणों से यह प्रतिबंध लगाया गया है। शहर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती अभी भी जारी है।