NIRF रैंकिंग में लखनऊ का दबदबा: SGPGI टॉप-5 में, KGMU की ऐतिहासिक छलांग

NIRF Ranking 2025 में SGPGI ने टॉप-5 रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। साथ ही KGMU ने भी 10 में अपनी जगह बनाए रखने में कामयाब रहा। जानें SGPGI और KGMU की उपलब्धियां और नए सेंटरों की जानकारी।

Updated On 2025-09-05 09:14:00 IST

NIRF Ranking 2025 में एसजीपीजीआई और केजीएमयू लखनऊ की बड़ी छलांग। 

NIRF Ranking 2025: चिकित्सा शिक्षा और उत्कृष्ट इलाज के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने देश भर में अपना परचम लहराया है। हाल ही में जारी हुई एनआईआरएफ रैंकिंग में लखनऊ के दो प्रमुख चिकित्सा संस्थानों ने बड़ी सफलता हासिल की है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) लगातार पांचवें साल भी शीर्ष-10 में अपनी जगह बनाए रखने में कामयाब रहा, जबकि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने पहली बार टॉप-10 में प्रवेश कर इतिहास रचा है।

एसजीपीजीआई की लगातार सफलता

शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध कार्य और इलाज के मामले में एसजीपीजीआई की साख पूरे देश में मजबूत हुई है। पिछले साल यह संस्थान छठे पायदान पर था, लेकिन इस बार एक पायदान ऊपर चढ़कर पाँचवें नंबर पर पहुँच गया है। संस्थान की पहचान सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों और यहाँ तक कि बांग्लादेश व नेपाल जैसे देशों से आने वाले मरीजों के लिए भी एक भरोसेमंद केंद्र के रूप में है। अब यहां यहाँ विश्वस्तरीय एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे बच्चों के इलाज में और भी सुधार आएगा।

केजीएमयू ने रचा इतिहास

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए यह साल बेहद खास रहा है। पिछले साल 19वें पायदान पर रहने वाला यह संस्थान इस बार 11 स्थानों की छलांग लगाकर आठवें नंबर पर पहुँच गया है। यह पहली बार है जब केजीएमयू को एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष-10 में जगह मिली है।

कॉलेज प्रशासन और पूरी टीम ने ग्रेडिंग सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की। इसी साल केजीएमयू ने नैक ए++ ग्रेड भी हासिल किया था, जो शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है।

शोध और नए केंद्रों से मिल रहा फायदा

केजीएमयू ने केवल रैंकिंग में ही नहीं, बल्कि शोध और मरीजों को दिए जाने वाले इलाज में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। हाल ही में यहाँ राज्य का पहला एडवांस ऑर्थोपेडिक्स सेंटर और लारी-2 की शुरुआत हुई है, जहाँ मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। इसके अलावा, जनरल सर्जरी और ट्रॉमा-2 की भी नींव रखी गई है, जो आने वाले समय में गंभीर रोगियों के इलाज में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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