गोरखपुर: महानवमी पर मां दुर्गा को रक्त चढ़ाते हैं श्रीनेत वंश के लोग, जानें 300 साल पुरानी परंपरा का राज

गोरखपुर में महानवमी पर श्रीनेत वंश के लोग मां दुर्गा को रक्त अर्पित करते हैं। बांसगांव में शुक्रवार, 11 अक्टूबर को भी 300 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया।

Updated On 2024-10-12 10:39:00 IST
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महानवमी पर श्रीनेत वंश के लोगों ने मां दुर्गा को रक्त अर्पित किया।

Gorakhpur Navratri 2024: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महानवमी पर श्रीनेत वंश के लोगों ने मां दुर्गा को रक्त अर्पित किया। बांसगांव में यह अनोखी पंरपरा पिछले 300 साल से चली आ रही है। शुक्रवार को मां दुर्गा को रक्त चढ़ाने का सिलसिला पूरे दिन चला। 

शरीर के 9 हिस्सों से निकालते हैं रक्त
बांसगांव स्थित इस मंदिर में नवजात बच्चों (12 दिन बरही कार्यक्रम) का रक्त अर्पित करने की परंपरा है। श्रद्धालु अपने नवजातों को लेकर मंदिर पहुंचते हैं और इस परंपरा का निर्वहन करते हैं। नाई विवाहित पुरुषों के शरीर से 9 जगह और बच्‍चों के माथे पर लगाता है। इसके बाद बेलपत्र में रक्त लेकर मां के चरणों में अर्पित किया जाता है।

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धूप-अगरबत्‍ती और हवनकुंड की राख 
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले यहां पशुओं की बलि चढ़ाई जाती है, लेकिन मंदिर परिसर में पशु बलि प्रतिबंधित करने के बाद लोग अपना रक्त चढ़ाने लगे। मां दुर्गा को खून अर्पित करने के बाद लोग धूप-अगरबत्‍ती और हवनकुंड से निकली राख लगाते हैं। जिससे घाव ठीक हो जाता है। आज तक किसी को टिटनेस तक नहीं हुआ। 

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स्वस्थ और सम्पन्न रहता है परिवार
भक्तों ने बताया कि मातारानी को रक्‍त चढ़ाने से परिवार स्वस्थ और सम्पन्न रहता है। आज तक किसी को टिटनेस तक नहीं हुआ। लोगों का मानना है कि क्षत्रियों द्वारा लहू चढ़ाए जाने की यह परंपरा श्रीनेत कुल में आई है। इसका निर्वाह कई पीढ़ियों से किया जा रहा है।  

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