Ayodhya Ram Mandir: 11 दिन में 25 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के किए दर्शन, भक्तों दिल खोलकर किया दान, खाते में आए इतने करोड़

Ayodhya Ram janmabhoomi Ram Lalla: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए हर दिन 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पिछले 10 दिनों में दान पेटियों में लगभग 8 करोड़ जमा किए गए हैं और लगभग 3.50 करोड़ ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं।

Updated On 2024-02-02 08:59:00 IST
Ayodhya Ram Mandir

Ayodhya Ram janmabhoomi Ram Lalla: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु राम जन्मभूमि पहुंच रहे हैं। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 11 दिनों में लगभग 25 लाख भक्त राम जन्मभूमि के दर्शन कर चुके हैं। भक्तों ने दिल खोलकर रामलला को दान किया है। अब तक 11 करोड़ से अधिक दाम मिला है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, पिछले 10 दिनों में दान पेटियों में लगभग 8 करोड़ जमा हुए हैं। लगभग 3.50 करोड़ ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं।

गर्भगृह के बाहर चार बड़ी दान पेटियां
ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह के बाहर दर्शन पथ के पास चार बड़ी दान पेटियां रखी गई हैं, जिनमें श्रद्धालु दान कर रहे हैं। इसके अलावा 10 कम्प्यूटरीकृत काउंटरों पर भी लोग दान करते हैं। इन दान काउंटरों पर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। हर दिन काउंटर बंद होने के बाद कर्मचारी प्राप्त दान राशि का हिसाब ट्रस्ट कार्यालय में जमा करते हैं।

14 कर्मचारियों का काम दान का हिसाब करना
14 कर्मचारियों की एक टीम चार दान पेटियों में आए चढ़ावे की गिनती कर रही है, जिसमें 11 बैंक कर्मचारी और तीन मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी शामिल हैं। प्रकाश गुप्ता ने कहा कि दान राशि जमा करने से लेकर उसकी गिनती तक सब कुछ सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में किया जाता है।

मंदिर में बिछाया गया बिजोलिया पत्थर
राम मंदिर परिसर में करीब पांच लाख वर्ग फीट में बिजोलिया पत्थरों को बिछाया गया है। यह पत्थर बेहद खास है। मौसम चाहे कोई भी हो, श्रद्धालु आराम से उस पर चल सकेंगे। यह क्षेत्र परिक्रमा क्षेत्र और कुबेर टीला को कवर करेगा। प्रकाश गुप्ता ने कहा कि रामलला के दर्शन के लिए प्रतिदिन 2 लाख से अधिक श्रद्धालु राम मंदिर पहुंच रहे हैं।

उन्होंने बताया कि राजस्थान का यह बिजोलिया पत्थर अपनी गुणवत्ता में बहुत खास है क्योंकि यह न तो गर्मियों में ज्यादा गर्म होता है और न ही सर्दियों में ज्यादा ठंडा होता है। यह पत्थर लगभग 1,000 वर्षों तक खराब नहीं होता है, जबकि इसमें पानी सोखने की क्षमता अन्य पत्थरों की तुलना में अधिक है। 

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