खतना कराने वाले यह खबर जरूर पढ़ें: बरेली में नाई की लापरवाही ने ले ली बच्चे की जान, जानें पूरा मामला

उत्तरप्रदेश के बरेली खतना के दौरान नाई ने बच्चे की गलत नस काट दी। लगातार ब्लीडिंग होने से 40 दिन के मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर मिलते ही नाई फरार हो गया।

Updated On 2024-08-13 16:53:00 IST
Bareilly News

Bareilly News: बरेली में 40 दिन के बच्चे की मौत से हड़कंप मच गया। नाई ने लापरवाही से बच्चे की गलत नस काट दी। ब्लीडिंग नहीं रुकने पर घरवाले मासूम को जिला अस्पताल लेकर गए। अस्पताल पहुंचते ही बच्चे की मौत हो गई। मासूम के मौत की खबर मिलते ही नाई फरार हो गया। सूचना पुलिस पहुंची और मासूम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की। मामला फतेहगंज पूर्वी का है। 

लगातार ब्लीडिंग से बच्चा सुस्त, थोड़ी देर बाद मौत 
जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी निवासी रफीक अहमद के पोते अरफान का घरवालों ने टिसूआ गांव के नाई कबीर से खतना कराया। आयोजन में रिश्तेदार भी आए। कबीर ने खतना के दौरान अरफान की की गलत नस काट दी। खतना के बाद बच्चे का खून ज्यादा बहने लगा। नाई कबीर ने कहा कि थोड़ी देर में ब्लीडिंग रुक जाएगी। लगातार हो रही ब्लीडिंग के कारण बच्चा सुस्त हो गया। परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल गए, जहां बच्चे की मौत हो गई।  

पुलिस कर रही आरोपी की तलाश 
परिजन ने पुलिस से नाई कबीर के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने कबीर के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की। पुलिस का कहना है कि नाई के खिलाफ आरोपों की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि नाई कबीर जल्द गिरफ्त में होगा। 

मुस्लिम समुदाय में खतना जरूरी
जानकारों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय में खतना कराना अनिवार्य है, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है। बच्चा जब 6 दिन का होता है, तब भी कुछ लोग खतना कराते हैं। कई बार 1 साल की उम्र या 8 साल की उम्र तक भी यह परंपरा कराई जाती है। मगर नाई या किसी भी ऐसे व्यक्ति से नहीं कराया जाए। इसके लिए डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर सावधानी से खतना करते हैं। 

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