काशी विश्वनाथ मंदिर: शिखर पर दिखा सफेद उल्लू, विद्वानों ने बताया अति शुभ संकेत

काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर लगातार तीसरे दिन दिखा सफेद उल्लू, विद्वानों ने इसे समृद्धि और शांति का शुभ संकेत बताया। सप्तऋषि आरती के दौरान हुआ यह दुर्लभ नजारा।

By :  Desk
Updated On 2025-08-22 11:38:00 IST

काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर लगातार तीसरे दिन सफेद उल्लू के दर्शन हुए.

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर लगातार तीसरे दिन सफेद उल्लू के दर्शन हुए, जिसे मंदिर प्रशासन और विद्वानों ने अत्यंत शुभ संकेत माना है। यह दुर्लभ नजारा शुक्रवार को सप्तऋषि आरती के दौरान देखने को मिला।

सफेद उल्लू, जिसे माता लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, का मंदिर के शिखर पर प्रकट होना भक्तों और विद्वानों के बीच उत्साह का विषय बना हुआ है। विद्वानों का कहना है कि यह समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।

मंदिर प्रशासन ने भी इसे भगवान विश्वनाथ का आशीर्वाद बताया है। यह घटना भक्तों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है और मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है।

सफेद उल्लू (white owl) का भारतीय परंपरा और धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। अलग-अलग मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार इसका महत्व बताया गया है।

माता लक्ष्मी का वाहन

  • हिंदू धर्म में उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन माना गया है।
  • विशेष रूप से सफेद उल्लू को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का प्रतीक समझा जाता है।
  • दिवाली पर उल्लू की पूजा का विशेष उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि इससे घर में धन की वृद्धि होती है और दरिद्रता दूर होती है।

सौभाग्य और शुभ संकेत

  • ग्रामीण परंपराओं और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सफेद उल्लू को देखना बहुत शुभ माना जाता है।
  • यह धन लाभ, नए अवसर और उन्नति का संकेत देता है।

गूढ़ और तांत्रिक महत्व

  • तंत्र शास्त्र में उल्लू को गुप्त विद्याओं का प्रतीक माना गया है।
  • सफेद उल्लू को तंत्र-उपासना में विशेष स्थान प्राप्त है, क्योंकि यह गुप्त ज्ञान, साधना और लक्ष्मी साधना से जुड़ा हुआ है।

लोक मान्यता

  • भारत के कई हिस्सों में यह मान्यता है कि यदि घर के आस-पास सफेद उल्लू दिखाई दे, तो धन और सौभाग्य बढ़ता है।
  • इसे देवी लक्ष्मी के आगमन का संकेत भी माना जाता है।
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