बांके बिहारी मंदिर: एकादशी पर भक्तों का सैलाब, चरमराई व्यवस्था से श्रद्धालु बेहाल

कड़ाके की ठंड के बावजूद संकरी गलियों और बैरियर पर लगी लंबी कतारों के कारण श्रद्धालुओं को भारी धक्का-मुक्की और असुविधा का सामना करना पड़ा।

Updated On 2025-12-01 22:04:00 IST

भीड़ के मद्देनजर वृंदावन में यातायात डायवर्जन प्लान लागू किया गया, ताकि वाहनों का प्रवेश रोका जा सके। 

मथुरा : वृंदावन के सुप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में एकादशी के पावन अवसर पर भक्तों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के सामने मंदिर प्रशासन और पुलिस-प्रशासन की व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुईं।

भीड़ के दबाव और अव्यवस्था के कारण कई जगहों पर धक्का-मुक्की की स्थिति बनी, जिससे श्रद्धालुओं, विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

दर्शन को उमड़ी रिकॉर्डतोड़ भीड़

एकादशी, खासकर जब वह किसी अन्य बड़े पर्व के साथ पड़ती है, तब ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। मंदिर के पट खुलने से काफी पहले ही आसपास की गलियों और बाजार में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो जाता है, जिससे दर्शन के लिए कई किलोमीटर लंबी कतारें लग जाती हैं।

भारी भीड़ के दबाव के चलते कई बार मंदिर के प्रांगण और संकरी गलियों में चलने तक की जगह नहीं बचती, जिससे भक्तों की स्थिति खराब हो जाती है। श्रद्धालुओं में एकादशी पर ठाकुर जी के दर्शन और वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा का विशेष धार्मिक महत्व है, जिससे इस दिन भीड़ सामान्य से कई गुना अधिक रहती है।

व्यवस्था बनाने में प्रशासन के छूटे पसीने

श्रद्धालुओं की भारी संख्या के बावजूद भीड़ नियंत्रण और सुविधाओं के इंतजाम अपर्याप्त दिखे, खासकर इस ठंडे मौसम में। पुलिस-प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न रास्तों और बैरियर पर श्रद्धालुओं को रोका गया, लेकिन पीछे से आ रहे लगातार दबाव के कारण बैरियर पर ही भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

कड़ाके की ठंड के बीच घंटों तक बैरियर पर खुले में रोके जाने के कारण कई बुजुर्गों और बच्चों को काफी परेशानी हुई। ठंड से बचाव और प्राथमिक चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव महसूस किया गया।

भारी भीड़ के मद्देनजर वृंदावन में यातायात डायवर्जन प्लान लागू किया गया, ताकि वाहनों का प्रवेश रोका जा सके। इसके बावजूद पैदल श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि गलियों में जाम की स्थिति बनी रही।

भक्तों को हुई भारी असुविधा

अव्यवस्थित भीड़ प्रबंधन का खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा। मंदिर के अंदर और बाहर दोनों जगह भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण बार-बार धक्का-मुक्की हुई, जिससे कई भक्त चोटिल होने से बचे।

कई बार अत्यधिक भीड़ के चलते मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का ठहराव भी व्यवस्था को खराब करता है।


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