छापेमारी: गाजियाबाद में फर्जी 'दूतावास' का भंडाफोड़, STF ने नकली राजदूत को दबोचा

नोएडा STF ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया। हवाला, फर्जी पासपोर्ट और विदेशी मुद्रा का बड़ा खुलासा।

Updated On 2025-07-23 14:36:00 IST

गाजियाबाद में हर्षवर्धन चला रहा था 'फर्जी दूतावास

Up News: नोएडा STF ने गाजियाबाद के कविनगर इलाके से एक ऐसे फर्जी राजदूत को गिरफ्तार किया है, जिसकी कहानी किसी जासूसी फिल्म से कम नहीं लगती। हर्षवर्धन जैन नाम के इस आरोपी ने खुद को ऐसे देशों का एंबेसडर घोषित कर रखा था जो असल में दुनिया के नक्शे पर मौजूद ही नहीं हैं।

यह नेटवर्क न केवल फर्जी पहचान के सहारे चलाया जा रहा था, बल्कि इसके जरिए हवाला, विदेशी मुद्रा का अवैध लेन-देन, फर्जी पासपोर्ट, और शेल कंपनियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन बेचने जैसे संगीन अपराध किए जा रहे थे।

नकली देशों के नाम पर 'दूतावास'
STF जांच में सामने आया कि आरोपी ने West Arctica, Saborga, Poulvia, और Lodonia जैसे नामों पर दूतावास खोल रखा था। इन माइक्रोनेशन्स का न तो कोई आधिकारिक अस्तित्व है और न ही इनकी मान्यता।

हर्षवर्धन ने गाजियाबाद की KB-35 कोठी को ‘फॉरेन एम्बेसी’ का रूप देकर वहां विदेशी झंडे, नकली डिप्लोमैटिक पासपोर्ट और फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का झांसा दिया।

मकसद क्या था?

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी:

  1. विदेशों में नौकरी का झांसा देकर ठगी करता था।
  2. प्रमुख नेताओं के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरों से लोगों को प्रभावित करता था।
  3. हवाला नेटवर्क और विदेशी मुद्रा के अवैध कारोबार से जुड़ा हुआ था।
  4. निजी कंपनियों को विदेशों में डील दिलवाने के नाम पर दलाली करता था।

STF को क्या-क्या मिला?
छापेमारी में STF ने जो चीजें बरामद कीं, वो चौंकाने वाली थीं:

  • 4 लग्जरी गाड़ियां (डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट्स लगी हुईं)
  • 12 नकली डिप्लोमैटिक पासपोर्ट
  • विदेश मंत्रालय की मोहर लगे फर्जी दस्तावेज
  • ₹44.70 लाख नकद
  • विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा
  • 18 अलग-अलग फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट
  • 34 फर्जी कंपनियों व देशों की मोहरें
  • 2 फर्जी प्रेस कार्ड
  • 2 फर्जी पैन कार्ड

पुराना रिकॉर्ड भी संदिग्ध
हर्षवर्धन जैन पहले भी कानून के शिकंजे में आ चुका है। 2011 में उस पर अवैध सैटेलाइट फोन रखने का केस दर्ज हुआ था। साथ ही उसका नाम विवादित आध्यात्मिक गुरु चंद्रास्वामी और इंटरनेशनल आर्म्स डीलर अदनान खगोशी से भी जुड़ चुका है, जिससे इसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की आशंका और गहराती है।

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