मकबरा या शिव मंदिर?: फतेहपुर में पूजा-पाठ को लेकर बढ़ा तनाव; भारी पुलिस बल तैनात
फतेहपुर में नवाब अब्दुल समद मकबरे को लेकर हिंदू संगठन और मुस्लिम समुदाय आमने-सामने। पूजा-पाठ की मांग पर विवाद बढ़ा, तोड़फोड़ की कोशिश, पुलिस ने संभाला मोर्चा।
मकबरा या शिव मंदिर? फतेहपुर में पूजा-पाठ को लेकर तनाव; भारी पुलिस बल तैनात
Fatehpur Tomb Dispute: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में नवाब अब्दुल समद के मकबरे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठनों के लोग इसे प्राचीन शिव मंदिर बताते हुए सोमवार (11 अगस्त) सुबह पूजा पाठ करने पहुंच गए। मुस्लिम समुदाय को जानकारी लगी तो वह भी मौके पर पहुंचे और विरोध करने लगे। तनाव की स्थिति देख पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया है। फिलहाल, शांति व्यवस्था कायम है।
फतेहपुर स्थित सदियों पुराने इस ढांचे को लेकर लोग अपनी अपनी आस्था के हिसाब से मानते थे, लेकिन शिव मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति ने 11 अगस्त को यहां पूजा-पाठ करने का ऐलान कर दिया। प्रशासन ने अनुमति नहीं दी इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए।
BHP ने बताया 1000 साल पुराना मंदिर
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने इसे 1000 वर्ष पुराना मंदिर बताया है। कहा, यहां मौजूद कमल और त्रिशूल के निशान भी इसकी पुष्टि करते हैं। फिलहाल, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर विवादित ढांच की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। परिसर में भारी पुलिस बल तैनात है।
उलेमा काउंसिल ने खारिज किया दावा
उलेमा काउंसिल का कहना है कि यह जमीन सरकारी दस्तावेज में मकबरे के रूप में दर्ज है। मंदिर का दावा बेबुनियाद है। वहीं विश्व हिंदू परिषद ने इसे अतिक्रमण मुक्त कर हिंदुओं को सौंपने की मांग की है। उनका कहना है कि अवैध कब्जा कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पुलिस-प्रशासन अलर्ट
डीएम और एसपी ने कहा कि हालात फिलहाल सामान्य हैं और दोनों पक्षों को समझाकर भेज दिया गया है। दंगा नियंत्रण स्कीम लागू, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात। बांदा से ASP, DSP और 6 इंस्पेक्टर समेत कई थानों की फोर्स मौके पर भेजी गई।