सूर्यवंशी राम का शाश्वत प्रतीक: 22 फीट के 'धर्म ध्वज' के पीछे की कहानी और आधुनिक तकनीक

गुजरात के अहमदाबाद में हस्तनिर्मित यह 22 फीट लंबा केसरिया 'धर्म ध्वज', विशेष नायलॉन पैराशूट फैब्रिक से बना है।

Updated On 2025-11-23 11:11:00 IST

ध्वज का निर्माण गुजरात के अहमदाबाद में किया गया, जिसको कश्यप मेवाड़ा और राकेश मेटकर की टीम ने पूरा किया है।

अयोध्या : अयोध्या के भव्य राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला 'धर्म ध्वज', जिसे 'सूर्य ध्वज' भी कहा जाता है, न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्वदेशी कारीगरी और आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्भुत समन्वय है।

22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा यह केसरिया ध्वज विशेष रूप से तैयार किया गया है, ताकि यह मंदिर के मुख्य शिखर पर 205 फीट की ऊंचाई पर हर मौसम और तेज़ हवाओं की चुनौती का डटकर सामना कर सके।

गुजरात के अहमदाबाद में कुशल कारीगरों की टीम ने लगभग 25 दिन में इसे पूरी तरह हाथ से तैयार किया है, जिसकी हर परत में भगवान राम की सूर्यवंशी परंपरा और राम राज्य की गरिमा समाहित है।

निर्माण और विशेष इंजीनियरिंग

इस गौरवशाली ध्वज का निर्माण गुजरात के अहमदाबाद में किया गया, जहा कश्यप मेवाड़ा और राकेश मेटकर के नेतृत्व में कारीगरों की टीम ने यह कार्य पूरा किया। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, ध्वज को बेहद टिकाऊ बनाया गया है।

इसके निर्माण में मुख्य रूप से तीन लेयर वाले नायलॉन पैराशूट फैब्रिक और प्रीमियम सिल्क सैटिन (रेशमी धागों) का मिश्रण इस्तेमाल किया गया है। यह उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री ध्वज को लगभग 2.5 किलोग्राम रखते हुए भी अत्यधिक मजबूत बनाती है।

स्थायित्व और सुरक्षा की इंजीनियरिंग

इस ध्वज की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग विशेषता इसका मौसमरोधी होना है। कपड़े की विशेष संरचना इसे तेज धूप, बारिश और 60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं का वेग झेलने में सक्षम बनाती है।

इसके अलावा, ध्वज-दंड को एक विशेष 360 डिग्री घूमने वाले बॉल बेयरिंग्स का उपयोग किया गया है। यह तकनीकी ध्वज हवा की दिशा के अनुरूप घूमता रहे, जिससे कपड़े पर पड़ने वाला तनाव कम होता है और उसके फटने की संभावना न्यूनतम हो जाती है। इस विशेष तकनीक और मजबूत कपड़े के कारण ध्वज को लगभग तीन वर्ष तक टिके रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

प्रतीक चिन्हों की दिव्यता और विशाल आयाम

गहरा केसरिया (भगवा) रंग धारण करने वाला यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है। इस पर अंकित प्रतीक चिन्ह भगवान राम की पहचान को दर्शाते हैं: मुख्य रूप से सूर्य देव का प्रतीक चिन्ह, जो उनके सूर्यवंशी होने की शाश्वत ऊर्जा को दर्शाता है; दूसरा, कोविदार वृक्ष, जो वाल्मीकि रामायण में वर्णित राम राज्य के राजकीय चिन्ह का प्रतीक है; और तीसरा, ॐ (ओम्कार), जो सार्वभौमिक समन्वय का प्रतीक है।

इस ध्वज को जिस पर फहराया जाएगा, वह 44 फीट ऊंचा और 5500 किलोग्राम वजन वाला पीतल का ध्वज-दंड भी गुजरात के अहमदाबाद से ही लाया गया था।

स्थापना की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व

यह धर्म ध्वज मंदिर के मुख्य शिखर पर 44 फीट ऊंचे ध्वज-दंड के माध्यम से लगभग 205 फीट की कुल ऊंचाई पर लहराएगा। इस ऊचाई पर इसकी स्थापना एक ऐतिहासिक क्षण है, जो न केवल भारत की आस्था को प्रदर्शित करता है, बल्कि स्वदेशी ज्ञान और कारीगरी की क्षमता को भी दर्शाता है।

ध्वज के लिए नायलॉन की मोटी रस्सी का प्रयोग किया जाता है, जो इसकी सुरक्षा में सहायक है। यह अनवरत रूप से लहराता हुआ ध्वज राम लला की उपस्थिति का शाश्वत प्रमाण बनकर, सदियों की प्रतीक्षा के बाद स्थापित राम राज्य के गौरव को प्रदर्शित करेगा।


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