यूपी की सियासत में हलचल: योगी की दिल्ली यात्रा, कैबिनेट विस्तार और संगठन में बदलाव की अटकलें!
सीएम योगी की हाल ही में दिल्ली में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
सीएम योगी ने अयोध्या में राम मंदिर ध्वजा स्थापना कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हालिया दिल्ली यात्रा और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी मुलाकातों ने राज्य की राजनीति में गहमागहमी बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी अलग-अलग भेंट की। इन मुलाकातों ने कई कयासों को जन्म दिया है, जिनमें प्रमुख रूप से योगी कैबिनेट के संभावित विस्तार और संगठन में फेरबदल की चर्चाएं शामिल हैं। यह बैठकें ऐसे समय में हुई हैं जब राज्य सरकार आगामी बड़े इवेंट जैसे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन और राम मंदिर ध्वजा स्थापना कार्यक्रम की तैयारियों में जुटी है, जिसके लिए सीएम योगी ने शीर्ष नेतृत्व को आमंत्रित भी किया है।
इन मुलाकातों को केवल शिष्टाचार भेंट के तौर पर नहीं देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों में राज्य के शासन, आगामी चुनावों की रणनीति, और संगठन को 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत करने के लिए आवश्यक कदमों पर विस्तार से चर्चा हुई है। यह माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति, विकास कार्यों की प्रगति और प्रशासनिक दक्षता की समीक्षा की है।
कैबिनेट विस्तार पर सबकी नजर
लंबे समय से प्रस्तावित योगी मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही, संभवतः नवरात्र के दौरान हो सकता है। यह विस्तार 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले आखिरी बड़ा फेरबदल हो सकता है। इस विस्तार का मुख्य लक्ष्य जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधना है, खासकर समाजवादी पार्टी के 'PDA' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फैक्टर की काट ढूंढना।
वर्तमान में मंत्रिमंडल में 54 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं, जिसका मतलब है कि छह पद अभी भी खाली हैं। सूत्रों के अनुसार, इन खाली पदों को भरने के साथ ही कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं या उन्हें संगठन में भेजा जा सकता है। ओबीसी और दलित समुदाय के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक ओबीसी नेता को मौका मिलने की संभावना है। इसके अलावा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलें हैं। कुछ मंत्रियों के खराब प्रदर्शन के चलते उनकी छुट्टी भी हो सकती है।
संगठनात्मक फेरबदल की सुगबुगाहट
दिल्ली में हुई मैराथन बैठकों का एक प्रमुख एजेंडा संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बिठाना रहा है। माना जा रहा है कि 2027 के चुनावों के मद्देनजर पार्टी संगठन में कुछ अहम बदलाव कर सकती है। संगठन को नई ऊर्जा देने और आगामी चुनौतियों के लिए तैयार करने हेतु कई बड़े चेहरों को नई संगठनात्मक जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। संगठनात्मक बदलावों और संभावित कैबिनेट विस्तार को 2027 विधानसभा चुनावों और 2026 के विधान परिषद चुनावों की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी चाहती है कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जनता के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।
प्रमुख आयोजनों का निमंत्रण
मुलाकात के दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं को आगामी जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन कार्यक्रम और अयोध्या में होने वाले राम मंदिर ध्वजा स्थापना कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। ये दोनों ही आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि माने जा रहे हैं, और इन पर हाईकमान के साथ चर्चा होना स्वाभाविक है।