उत्तर प्रदेश के कर्मयोगी: सीएम ने जनता दर्शन में CRPF के जवान को दिया आश्वासन- "निश्चिंत रहें, आपको मिलेगा न्याय, ये सरकार की जिम्मेदारी"

सीएम ने अधिकारियों को निश्चित समयावधि में समाधान करके पीड़ित से फीडबैक लेने का सख्त निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जनता दर्शन कार्यक्रम सिर्फ समस्याओं का समाधान नहीं, बल्कि शिकायत निवारण तंत्र की जवाबदेही सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम है।

Updated On 2025-10-13 13:50:00 IST

देश सेवा कर रहे जवान को सीएम ने भरोसा दिया, कहां 'आपका सम्मान सुरक्षित है, ज़मीनी विवाद का समाधान' होगा 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित 'जनता दर्शन' कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। सीएम योगी की यह परंपरा दर्शाती है कि वह आम जनमानस की सेवा, सुरक्षा और सम्मान को अपनी सरकार का मूल मंत्र मानते हैं। इस साप्ताहिक जन-सुनवाई में 50 से अधिक फरियादी पहुंचे, जिनकी समस्याओं का समाधान तय समय-सीमा के भीतर करने का निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि अधिकारी समाधान के बाद पीड़ितों से फ़ीडबैक भी लें।

जनता दर्शन के दौरान, पुलिस, बिजली, आर्थिक सहायता और ज़मीनी विवाद से जुड़े कई मामले सामने आए। इन सभी समस्याओं के प्रति मुख्यमंत्री का नज़रिया हमेशा ही बेहद गंभीर रहा है। कार्यक्रम में बुलंदशहर के एक सीआरपीएफ जवान ज़मीन विवाद की समस्या लेकर पहुंचे। उनकी बात सुनकर सीएम योगी ने उन्हें संबल दिया और कहा, "आप निश्चिंत होकर ड्यूटी कीजिये, बाकी समाधान सरकार पर छोड़ दीजिए।" उन्होंने आश्वस्त किया कि मामले की त्वरित जांच कराई जाएगी और न्यायोचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह आश्वासन मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और सुरक्षाबलों के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री का बचपन से लगाव बच्चों से मुलाक़ात और चॉकलेट का उपहार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केवल फरियादियों की समस्याओं तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उनके साथ आए बच्चों से भी उन्होंने आत्मीयता से मुलाकात की। उन्होंने नन्हे-मुन्नों के सिर पर हाथ फेरकर दुलार किया और उन्हें चॉकलेट-टॉफी भेंट की। बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा कि वे ख़ूब पढ़ें, जमकर खेलें और अपने माता-पिता के साथ-साथ प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। बच्चों के प्रति सीएम योगी का यह अपनत्व जनता दर्शन के गंभीर माहौल को एक मानवीय स्पर्श देता है।

सांसद काल से 'जनता दरबार' की अटूट परंपरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जन-समस्याओं को सीधे सुनने की यह परंपरा आज की नहीं है, बल्कि दशकों पुरानी है। मुख्यमंत्री बनने से पहले, जब वे गोरखपुर के सांसद और गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर थे, तब भी उनका 'जनता दरबार' निरंतर लगता था। गोरखपुर स्थित उनके आवास पर हर दिन भारी संख्या में दूर-दराज से लोग अपनी फरियाद लेकर आते थे। उस समय भी वे लोगों की समस्याओं को पूरी गंभीरता से सुनते थे और ज़रूरतमंदों को न केवल न्याय, बल्कि आर्थिक और चिकित्सकीय सहायता भी उपलब्ध कराते थे। उनका सांसद काल का 'जनता दरबार' ही आज मुख्यमंत्री आवास पर 'जनता दर्शन' के रूप में एक व्यापक और संस्थागत स्वरूप ले चुका है। यह दर्शाता है कि सत्ता में आने से पहले और बाद में भी, आम आदमी की सेवा ही उनकी राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है।

शासन-प्रशासन को स्पष्ट निर्देश- संवेदनशीलता और समयबद्धता ज़रूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे जनता की समस्याओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील रहें। उनका ज़ोर केवल समस्याओं को सुनने पर नहीं, बल्कि उनके त्वरित और समयबद्ध समाधान पर है। उन्होंने कहा कि हर ज़रूरतमंद को न्याय और सम्मान मिलना चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार का यह प्रयास है कि जनता को अपनी समस्याओं के लिए अनावश्यक भटकना न पड़े और उन्हें सरकारी योजनाओं एवं प्रशासनिक मदद का लाभ सरलता से मिल सके।

मुख्यमंत्री का यह जनता दर्शन कार्यक्रम केवल एक सरकारी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश में सुशासन और न्याय की गारंटी देने वाले एक अटूट संकल्प का प्रतीक है।

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