BSP लखनऊ महारैली: मायावती ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना, योगी सरकार की सराहना करते हुए कही ये बड़ी बात
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ की महारैली में विपक्षी खेमे, खासकर अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने अखिलेश को 'गैर-जिम्मेदार' और सत्ता पाने को बेचैन बताया।
मायावती ने न केवल समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक रणनीति में बदलाव के संकेत भी दिए हैं।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस 9 अक्टूबर, 2025 के अवसर पर लखनऊ में आयोजित विशाल महारैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रमुख विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन में विरोधी दलों के प्रयासों को 'छलावा' बताते हुए बहुजन समाज को इनसे सतर्क रहने की अपील की।
सपा को 'जातिवादी' और 'छल' की राजनीति करने का आरोप
मायावती का सबसे तीखा हमला समाजवादी पार्टी पर रहा। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी आयोजित करने की घोषणा को 'मुँह में राम, बगल में छुरी' वाली कहावत का प्रतीक करार दिया।
बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि सपा न केवल कांशीराम जी के जीवनकाल में उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करती रही, बल्कि बसपा सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों को भी जातिवादी मानसिकता के चलते बदल दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बसपा सरकार द्वारा कासगंज जिले को 'कांशीराम नगर' नाम देने के फैसले को सपा सरकार ने पलट दिया था। उन्होंने सपा के मौजूदा आयोजनों को केवल वोट बैंक के लिए किया गया 'दिखावा' और 'छलावा' बताया। अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, 'जब वे सरकार में रहते हैं तो न उन्हें PDA की याद नहीं आती।
कांग्रेस भी निशाने पर-बहुजन समाज को किया सचेत
सपा के साथ-साथ मायावती ने कांग्रेस पार्टी को भी घोर जातिवादी करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियां बहुजन समाज के हितों के खिलाफ काम करती रही हैं और कांशीराम जी के नाम पर अब जो कार्यक्रम कर रही हैं, वह केवल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश है। उन्होंने बहुजन समाज के लोगों को इन दलों की चालों से सचेत रहने और इनके बहकावे में न आने की सख्त सलाह दी।
पार्टी में नई जान फूंकने और 'एकला चलो' की नीति पर जोर
यह महारैली बसपा के लिए 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन थी। लगातार चुनावी हार के बाद पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश में जुटी मायावती ने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का संदेश दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बसपा 'एकला चलो' की नीति पर चलते हुए ही सत्ता में वापसी की कोशिश करेगी और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे कांशीराम जी के आदर्शों पर चलते हुए बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर बहुजन आंदोलन को मजबूत करें। महारैली का उद्देश्य 2024 लोकसभा चुनावों में छिटके हुए दलित वोटरों को एक बार फिर पार्टी से जोड़कर अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाना था।
बसपा मुखिया ने कहा कि आज का जनसमूह यह दिखाता है कि हमने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। पार्टी आपकी आभारी है और हम इस समर्थन को बेकार नहीं जाने देंगे।
मायावती ने की योगी सरकार की तारीफ
बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार का आभार इसलिए व्यक्त किया उन्होंने कहा योगी सरकार ने कांशीराम स्मारक और अन्य स्मारकों के रखरखाव पर खर्च किए गए पैसे का सदुपयोग किया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने टिकटों के पैसों का इस्तेमाल स्मारकों के रखरखाव पर नहीं किया था, जिससे उनकी हालत जर्जर हो गई थी। जबकि, वर्तमान योगी सरकार ने उन स्मारकों की मरम्मत कराई और टिकटों से आने वाले पैसे को दूसरे मदों पर न लगाकर उनके रखरखाव पर ही लगाया।