Leopard Attack: बिजनौर में 11 साल की बच्ची को खा गया तेंदुआ; ग्रामीणों में आक्रोश
उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले के मंडोरी गांव में शौच के लिए गई बच्ची को तेंदुआ खा गया। गन्ने के खेत में 10 टुकड़ों में शव मिला है। परिजनों ने सड़क जाम कर आक्रोश जताया।
बिजनौर में 11 साल की बच्ची को खा गया तेंदुआ; ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
Bijnor leopard attack: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दर्दनाक घटना सामने आई है। नहटौर थाना क्षेत्र के मंडोरी गांव में बुधवार (23 जुलाई) रात शौच के लिए गई 11 वर्षीय बच्ची कनिका को तेंदुआ (गुलदार) उठाकर ले गया। बच्ची का क्षत-विक्षत शव गुरुवार सुबह खेत में पड़ा मिला है। उसके शरीर के अंग अलग-अलग बिखरे पड़े थे। इस घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।
कनिका गांव की प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 6 वीं पढ़ती थी। उसके पिता रवि कुमार मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। बुधवार शाम 7:30 बजे कनिका शौच के लिए खेत गई थी, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं लौटी, तो परिजनों ने तलाश शुरू की। खेत में खून के धब्बे और तेंदुए के पंजों के निशान देखकर सब सन्न रह गए। लाठी-डंडे लेकर रातभर तलाश करते रहे, लेकिन बच्ची नहीं मिली।
शव के अंग 10 मीटर में बिखरे मिले
गुरुवार सुबह 6:30 बजे घर से 500 मीटर दूर गन्ने के खेत में कनिका का शव मिला, लेकिन शरीर से धड़ और हाथ अलग थे। तेंदुए ने मांस नोचकर खा लिया था। पेट और कमर की चमड़ी उधेड़ डाली थी। बच्ची की मां सदमे में है। ग्रामीणों में भी घटना को लेकर खासा आक्रोश है।
ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
बच्ची की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर चक्काजाम किया। वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तेंदुए को तुरंत पकड़ने और फॉरेस्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। एसडीएम रितु रानी और धामपुर सीओ अभय पांडे ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
बिजनौर: 4 साल में 29 जानें गईं
बिजनौर जिले में तेंदुए की दहशत काफी पहले से है। पिछले 4 सालों में गुलदार के हमलों में 29 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 दिन पहले मंडावर थाना क्षेत्र में ही ढाई वर्षीय मयंक को तेंदुए (गुलदार) उठा ले गया था। उसे छुड़ा लिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
वन विभाग की लापरवाही
ग्राम प्रधान महेश कुमार ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बताया कि पिछले कई दिन से तेंदुआ दिखने की सूचना दी गई, लेकिन विभाग ने न पिंजरे लगाए और न गश्त बढ़ाई। जबकि, कई लोगों पर हमला भी कर चुका है। बच्ची की जान वन विभाग की लापरवाही से गई है।