रामद्रोहियों' को दीपोत्सव कैसे पसंद आएगा: खजाना कब्रिस्तान की बॉउंड्री और सैफई महोत्सव पर खर्च होता था: सीएम योगी

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दीपोत्सव से विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले कब्रिस्तान की बॉउंड्री और सैफई महोत्सव पर खजाना खर्च करते थे, उन्हें यह दीपोत्सव कैसे अच्छा लगेगा।

Updated On 2025-10-20 10:56:00 IST

मुख्यमंत्री योगी ने पुरानी सरकारों की विकास की परिभाषा पर सवाल उठाया।

अयोध्या : उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी अयोध्या में हुए भव्य दीपोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों पर तीखे शब्दों में हमला किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो लोग राम और राष्ट्र की आस्था के विरोधी रहे हैं, उन्हें यह दीपोत्सव कभी पसंद नहीं आ सकता। मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले प्रदेश का खजाना कब्रिस्तान की बॉउंड्री बनवाने और सैफई महोत्सव जैसे व्यक्तिगत उत्सवों पर खर्च किया जाता था, जबकि उनकी सरकार इस धन का उपयोग लोक आस्था और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने के लिए कर रही है। इस साल दीपोत्सव ने दो नए विश्व रिकॉर्ड बनाए, जिससे एक बार फिर अयोध्या का नाम वैश्विक मंच पर चमक उठा है।

दीपोत्सव ने बनाया नया वैश्विक कीर्तिमान

अयोध्या में दीपोत्सव के नौवें संस्करण ने विश्व रिकॉर्ड की परंपरा को कायम रखा। इस वर्ष, राम की पैड़ी पर एक साथ 26 लाख 17 हजार 215 दीप प्रज्वलित किए गए, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। यह सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति और लोक आस्था की अभूतपूर्व अभिव्यक्ति थी। इसके अतिरिक्त, सरयू तट पर 21000 लोगों ने एक साथ महाआरती कर एक और नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने इस सफलता को प्रदेश के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की यात्रा बताया।

'रामद्रोही' कौन? योगी का स्पष्ट निशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'रामद्रोही' वाला बयान सीधे तौर पर उन विपक्षी दलों और नेताओं की ओर इशारा था जो पहले राम मंदिर आंदोलन और राम भक्तों के खिलाफ थे। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली सरकारों के शासनकाल में अयोध्या में गोलियां चली थीं और आस्था का दमन किया गया था। उनका कहना था कि जो लोग पहले अयोध्या की उपेक्षा करते थे, दीपोत्सव और देव दीपावली जैसे आयोजनों से दूरी बनाए रखते थे, आज उन्हें यह भव्य उत्सव अच्छा नहीं लग रहा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत की एकता और श्रेष्ठता तभी बनी रहेगी जब आस्था का सम्मान होगा।

'सैफई महोत्सव' बनाम 'दीपोत्सव': प्राथमिकताओं पर बहस

मुख्यमंत्री ने पुरानी सरकारों की विकास की परिभाषा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की पहचान केवल सैफई महोत्सव से थी, जहाँ ना कोई भाव था, ना राग और ना ही कोई सांस्कृतिक संदेश। उनकी सरकार ने इस संस्कृति को बदला है। अब प्रदेश का फोकस व्यक्तिगत आयोजनों पर नहीं, बल्कि लोक कल्याण और सांस्कृतिक उत्थान पर है। योगी ने स्पष्ट किया कि जहां पहले प्रदेश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा कब्रिस्तान की बाउंड्री बनाने में लगता था, वहीं अब यह पैसा प्रदेश के गौरव को बढ़ाने और भव्य उत्सवों के आयोजन में इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने संकल्प लिया कि विकास की यह यात्रा बिना रुके और बिना झुके जारी रहेगी।

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