बड़ा खुलासा: विदेशी फंडिंग से संचालित था धर्मांतरण गिरोह, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन
आगरा में पकड़े गए धर्मांतरण गैंग का लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन उजागर हुआ है। अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से चल रहे इस नेटवर्क में कनाडा, यूएई, लंदन और अमेरिका से पैसा भेजा जा रहा था।
धर्मांतरण गैंग का लश्कर-ए-तैयबा कनेक्शन, विदेशों से फंडिंग
Agra Conversion Gang: उत्तर प्रदेश के आगरा में पकड़ा गया धर्मांतरण गिरोह विदेश फंडिंग से संचालित था। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से भी इसका कनेक्शन सामने आया है। गिरोह के कई सदस्य अलग अलग शहरों से गिरफ्तार किए गए हैं, जो ISI की तर्ज पर लालच देकर लोगों का ब्रेनवाश करते थे। गिरोह के टारगेट में हिंदू लड़कियां होती थीं।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यूएई, कनाडा, लंदन और अमेरिका जैसे देशों से बड़ी मात्रा में फंड डायवर्ट कर भारत भेजा जाता था। इस पैसे का उपयोग धर्मांतरण, ब्रेनवाश और लव जिहाद जैसे मामलों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था।
आगरा का अब्दुल रहमान कुरैशी सरगना
- आगरा निवासी अब्दुल रहमान कुरैशी गिरोह का सरगना है। सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल्स के माध्यम से वह नाबालिग लड़कियों को कट्टर इस्लामिक विचारधारा के लिए प्रेरित करता था। फिर जिहादी सोच से जोड़ते हुए उन्हें परिवार से अलग कर देता था।
- कोलकाता से गिरफ्तार किया गया ओसामा नामक व्यक्ति भी उसके इस अभियान का हिस्सा था। कुरैशी और ओसामा मिलकर लड़कियों का ब्रेनवाश करते थे।
फंडिंग का मास्टरमाइंड और उसका नेटवर्क
- गिरोह से जुड़ी गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा को गिरफ्तार किया गया है। आयशा धर्मांतरण गिरोह का फाइनेंस संभालती थी। उसका मूल काम विदेश से आने वाली फंडिंग को भारत में वितरित करना था। जांच में पता चला है कि कनाडा में बैठा सैयद दाउद अहमद आयशा के खातों में फंड भेजता था।
- आयशा का पति शेखर राय उर्फ हसन अली गिरोह का लीगल एडवाइजर था। फर्जी दस्तावेज के जरिए वह धर्मांतरण को कानूनी बैधता दिलाता था। वह कोलकाता में रह रहा था।
फर्जी सिम कार्ड और फिक्स्ड रूटिंग
दिल्ली से गिरफ्तार मुस्तफा उर्फ मनोज गिरोह का लॉजिस्टिक मैनेजर था। वह लड़कियों के लिए फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। ताकि, उनकी ट्रैकिंग मुश्किल हो। आरोपी ट्रेन की बजाय उन्हें बसों के जरिए यहां वहां ले जाता था। इससे लोकेशन ट्रेस होने का खतरा कम होता था।
देशभर में धर्मांतरण का जाल
जांच एजेंसियों के मुताबिक, धर्मांतरण गिरोह ISIS की तरह काम करता था। इस गैंग ने लव जिहाद, धर्मांतरण और ब्रेनवाश के जरिए देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने का प्रयास किया। इस पूरे मिशन को वह बेहद संगठित, गुप्त और साइकोलॉजिकल तरीके से अनजाम देते थे।
हर लिंक की तलाश में एजेंसियां
एजेंसियां अब इस गिरोह के हर सदस्य, फंडिंग चैनल और स्लीपर सेल्स की जांच में जुटी हैं। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस नेटवर्क के देशभर में कई शाखाएं सक्रिय थीं।