भीषण सड़क हादसा: पिता की अस्थियों का विसर्जन कर लौट रहे बेटे की दर्दनाक मौत, 8 घायल

हरिद्वार से पिता की अस्थियां विसर्जित कर लौट रहे पाली निवासी रामलाल की सड़क हादसे में मौत, 13 में से कई घायल, परिवार में दोहरी त्रासदी।

Updated On 2025-09-03 17:00:00 IST

सिरसा में सड़क हादसा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan Road Accident: पाली शहर में शोक की लहर उस समय और गहरी हो गई, जब पिता की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित कर लौट रहे बेटे की सड़क हादसे में मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान 45 वर्षीय रामलाल जोशी के रूप में हुई है, जो पाली के शिवाजी नगर के निवासी थे। यह हादसा किशनगढ़ के बांदरसिंदरी थाना क्षेत्र में हुआ।

पिता के 12वें संस्कार से पहले बेटे की हो गई मौत

बता दें कि रामलाल के पिता हरिराम जोशी (92) का 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन बीमारी के चलते निधन हो गया था। 1 सितंबर को रामलाल अपने परिवार के सदस्यों के साथ पिता की अस्थियों का विसर्जन करने हरिद्वार रवाना हुए थे। बुधवार को जब वे पाली लौट रहे थे, तभी अचानक यह दुर्घटना हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि रामलाल की मौके पर ही मौत हो गई। परिवार पर दुखों का ऐसा पहाड़ टूटा कि पिता की मौत को 12 दिन भी नहीं बीते थे, और बेटा भी चल बसा।

हादसे का कारण बना ट्रेलर

थाना अधिकारी अमरचंद बाकोलिया के अनुसार, हादसे की वजह बनी एक ट्रेलर का अचानक ब्रेक लगाना, जिससे रामलाल की कार असंतुलित होकर ट्रेलर से जा भिड़ी। रामलाल आगे वाली सीट पर बैठे थे, और टक्कर के समय उनके सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

कार में 13 लोग थे सवार

हादसे के समय कार में 13 लोग सवार थे, जो सभी हरिराम जोशी की अस्थि विसर्जन यात्रा से लौट रहे थे। घायलों में कई पारिवारिक सदस्य शामिल हैं।

  • मंजू (48)- हरिराम की बेटी
  • चंद्रा (50)- दूसरी बेटी
  • कविता (28)- पोती
  • प्रियंका (16)- पोती
  • दीपक उर्फ ज्ञानप्रकाश (22)- पोता
  • पूरण (35)- दामाद
  • ज्योति (26)- पूरण की पत्नी
  • दुष्यंत (25)- जवाई
  • वेदांत (7) और हार्दिक (5)- पूरण के बेटे
  • अनिल (14)- रामलाल का बेटा
  • पवन- ड्राइवर

इनमें से मंजू और पवन की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें किशनगढ़ से अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल रेफर किया गया है। अन्य घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

रामलाल जोशी पाली शहर में कपड़ा फैक्ट्री में ठेकेदार के रूप में काम करते थे। वे अपने पीछे तीन बच्चे छोड़ गए हैं। दो बेटे और एक बेटी, जिनमें सबसे बड़ा बेटा 18 वर्ष का है, बेटी 16 वर्ष की और छोटा बेटा 14 वर्ष का है। परिवार के मुताबिक, 8 सितंबर को उनके पिता हरिराम जोशी का 12वां संस्कार होना था, लेकिन उससे पहले ही परिवार को यह एक और असहनीय दुःख झेलना पड़ा।

Tags:    

Similar News