स्मार्ट मीटर पर राहत: राजस्थान में नए कनेक्शन और खराब मीटरों पर अब नहीं होगी अनिवार्यता

Rajasthan Smart Meter: राजस्थान में स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता हटाई गई। अब नए कनेक्शन और खराब मीटरों पर पुराने मीटर भी लगाए जा सकेंगे। उपभोक्ताओं को राहत।

Updated On 2025-08-22 14:16:00 IST

स्मार्ट मीटर (फाइल फोटो) 

Rajasthan Smart Meter: राजस्थान सरकार ने स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। अब राजस्थान में नए बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य नहीं रहेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर उपलब्ध नहीं हैं, वहां पुराने (नॉन-स्मार्ट) मीटर से भी बिजली आपूर्ति शुरू की जा सकेगी। यह निर्णय बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) ने हाल ही में जारी संशोधित गाइडलाइन के तहत लिया है।

नई गाइडलाइन के तहत कहां होंगे स्मार्ट मीटर

20 अगस्त को जारी आदेश के अनुसार, उन क्षेत्रों में जहां स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन का कार्य प्रगति पर है या पूरा हो चुका है, वहां नए कनेक्शनों और खराब मीटरों के स्थान पर स्मार्ट मीटर ही लगाए जाएंगे। लेकिन बाकी क्षेत्रों में फिलहाल पारंपरिक मीटर ही लगाए जाएंगे, ताकि उपभोक्ताओं को समय पर सेवा मिल सके।

डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करने वाली कंपनियों (AMISP) के पास कर्मचारियों की कमी के कारण मीटर बदले जाने और नए कनेक्शन जारी करने में देरी हो रही थी। इसी वजह से यह अस्थायी संशोधन लागू किया गया है।

समय पर मीटर नहीं बदला तो बिल में मिलेगी 5% की छूट

गाइडलाइन के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 72 घंटे के भीतर खराब मीटर को बदलना अनिवार्य है। यदि स्मार्ट मीटर की कमी के कारण यह कार्य समय पर नहीं होता है, तो उपभोक्ता को अगले बिल में 5% की छूट दी जाएगी। यह छूट राशि संबंधित अधिकारी से वसूली जाएगी।

स्मार्ट मीटर क्या है और इसके क्या फायदे हैं?

ऊर्जा विभाग के अनुसार, स्मार्ट मीटर एक आधुनिक तकनीक पर आधारित मीटर है, जिसे मोबाइल एप से जोड़ा जा सकता है। इससे उपभोक्ता अपने बिजली उपयोग की निगरानी कर सकते हैं। यह रीयल-टाइम डेटा दिखाता है कि कितनी बिजली खर्च हो रही है, जिससे उपभोक्ता अपने बिल और खपत पर नियंत्रण रख सकते हैं।

स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध भी जारी

हालांकि, प्रदेश में स्मार्ट मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं का विरोध भी देखा जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि इन मीटरों के कारण बिजली बिल अचानक बढ़ गए हैं। साथ ही, बिना सहमति जबरन मीटर लगाए जाने को लेकर पारदर्शिता पर भी सवाल उठे हैं। उपभोक्ता यह भी शिकायत कर रहे हैं कि प्रीपेड सिस्टम के कारण बार-बार रिचार्ज की परेशानी झेलनी पड़ रही है।

कब तक लागू रहेगा यह नियम?

डिस्कॉम के अनुसार, यह बदलाव अस्थायी है और तब तक लागू रहेगा जब तक स्मार्ट मीटर का रोलआउट पूरी तरह से सुचारू नहीं हो जाता। इस बीच, IT टीम और AMISP कंपनियां सप्लाई को दुरुस्त करने और इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को तेज करने पर काम कर रही हैं।

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