सात फेरों से सजी नई शुरुआत: उदयपुर में दिव्यांग सामूहिक विवाह संपन्न: 51 जोड़ों ने रचाया सपनों का संसार

उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित 44वें सामूहिक विवाह समारोह में 51 दिव्यांग जोड़ों ने लिए सात फेरे, आत्मनिर्भरता और प्रेम का उत्सव।

Updated On 2025-09-01 16:15:00 IST

Udaipur: राजस्थान के उदयपुर स्थित सेवा महातीर्थ, लियों का गुड़ा परिसर में नारायण सेवा संस्थान द्वारा 44वां दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया था। इस 2 दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन 51 दिव्यांग और निर्धन जोड़ों नें वैदिक विधि-विधान से एक-दूसरे का हाथ थामकर नए जीवन की शुरुआत की। नवदंपतियों को उपहार में गृहस्थी का पूरा सामान भी दिया गया।

दिव्यांगता नहीं बनी रुकावट फिर भी बने जीवनसाथी

विवाह में शामिल जोड़ों में कई ऐसे थे, जिनमें एक या दोनों जीवनसाथी किसी न किसी शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे थे। कोई दृष्टिबाधित था, तो कोई चलने में असमर्थ। कुछ जोड़े घुटनों के बल या घिसटकर चलते हैं, लेकिन अब वे एक-दूसरे के सहारे और हौसले से जिंदगी की नई राह पर साथ-साथ चलेंगे। इनमें से तो कई जोड़े ऐसे हैं जिन्होंने संस्थान में नि:शुल्क सर्जरी और स्वावलंबन प्रशिक्षण (जैसे सिलाई, कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग आदि) प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो गए हैं।

पूरी रस्मों के साथ विवाह सम्पन्न

बिंदोली और तोरण रस्म

कार्यक्रम में सुबह 10 बजे से बैंड-बाजों और ढोल-नगाड़ों के साथ सभी 51 जोड़ों की बिंदोली निकाली गई। रंग-बिरंगी पारंपरिक पोशाकों में सजे दूल्हा-दुल्हन और उनके साथ झूमते बारातियों ने समारोह में उत्साह का संचार किया। भगवान श्रीनाथजी और श्रीरामलला की छवियों के सान्निध्य में तोरण रस्म के साथ दूल्हों ने पांडाल में प्रवेश किया।

वरमाला और आशीर्वाद

दोपहर 12:15 बजे मंच पर दूल्हा-दुल्हनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और संस्थान के संस्थापक पद्मश्री कैलाश ‘मानव’, उनकी धर्मपत्नी कमला देवी, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक वंदना और पलक अग्रवाल सहित अन्य अतिथियों से आशीर्वाद लिया। वरमाला के दौरान पुष्पवर्षा से माहौल भावनात्मक और खुशहाली भरा बन गया।

पवित्र अग्नि के फेरे

हर जोड़े के लिए एक वेदी और एक आचार्य की व्यवस्था थी। 51 आचार्यों ने मुख्य आचार्य के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह संपन्न करवाया। विवाह की शुद्धता और मर्यादा को बनाए रखते हुए प्रत्येक युगल ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीवनभर निभाने का संकल्प लिया।

उपहार में मिली सामग्री

संस्थान द्वारा सभी 51 नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थ जीवन के लिए आवश्यक सामग्री भेंट की गई, जिसमें पलंग, बिस्तर, गैस चूल्हा, बर्तन, डिनर सेट, पंखा, संदूक, घड़ी आदि शामिल रहे। वहीं, अतिथियों और कन्यादानियों ने सोने-चांदी के मंगलसूत्र, चूड़ियां, बिछिया, चैन, नथ, कर्णफूल, अंगूठी, और सौंदर्य प्रसाधन सामग्री भेंट की।

सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित

विवाह समारोह के दौरान शिव-पार्वती और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह आधारित नृत्य नाटिकाओं ने दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही, मूकबधिर विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प स्टॉल ने मेहमानों का ध्यान खींचा और बच्चों की कला को प्रोत्साहन भी मिला।

विदाई के बाद पहुंचाया घर

अंत में नवविवाहित जोड़ों को विदा किया गया। सभी जोड़ों को सामग्री सहित संस्थान की बसों और वाहनों के माध्यम से रेलवे स्टेशन या उनके घर तक पहुंचाया गया।

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