मौसम: राजस्थान में जल्द मानसून की होगी इंट्री, इन जिलों में झमाझम बारिश के आसार
Monsoon 2025: मौसम विभाग के ताज़ा पूर्वानुमान के मुताबिक, मानसून 20 जून के आसपास उदयपुर और बांसवाड़ा जिलों से राज्य में प्रवेश कर सकता है
राजस्थान मौसम का हाल
Rajasthan Mausam: राजस्थान में इस बार दक्षिण-पश्चिमी मानसून तय समय से पहले दस्तक देने की तैयारी में है। मौसम विभाग के ताज़ा पूर्वानुमान के मुताबिक, मानसून 20 जून के आसपास उदयपुर और बांसवाड़ा जिलों से राज्य में प्रवेश कर सकता है, जिसके बाद कुछ ही दिनों में यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा।
उदयपुर-बांसवाड़ा मार्ग से मानसून की एंट्री तय!
हर साल की तरह इस बार भी मानसून दक्षिणी राजस्थान के पर्वतीय और वन क्षेत्रों — खासकर उदयपुर और बांसवाड़ा जिलों से होते हुए प्रदेश में प्रवेश करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्षेत्रों में इस बार अच्छी और लगातार बारिश देखने को मिलेगी। मानसून की इस सक्रियता से खेती-किसानी और जलस्रोतों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।
कोटा और उदयपुर संभाग में मूसलाधार बारिश के संकेत
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, कोटा और उदयपुर संभाग इस बार तेज़ बारिश का अनुभव कर सकते हैं। जून के आखिरी सप्ताह से लेकर जुलाई के पहले पखवाड़े तक इन क्षेत्रों में मानसून पूरी तरह से सक्रिय रहेगा।
जयपुर सहित कुछ जिलों में सीमित वर्षा की संभावना
राजधानी जयपुर और इसके आसपास के जिलों जैसे टोंक, सीकर और सवाईमाधोपुर में मानसून की सक्रियता अपेक्षाकृत कमजोर रह सकती है। यहां मध्यम स्तर की बारिश का अनुमान है, जिससे गर्मी से राहत तो मिलेगी लेकिन बड़े जलाशयों के लिए पर्याप्त पानी मिलना संदिग्ध है।
बीसलपुर बांध पर टिकी हैं नजरें
टोंक जिले के बीसलपुर बांध को लेकर इस बार भी संशय की स्थिति बनी हुई है। चूंकि इस क्षेत्र में औसत से कम बारिश की संभावना जताई गई है, ऐसे में बांध का भरना या ओवरफ्लो होना इस बार कठिन हो सकता है। जयपुर जैसे बड़े शहरों की जलापूर्ति इससे प्रभावित हो सकती है।
भरतपुर संभाग में अच्छी बारिश की उम्मीद
भरतपुर, करौली और धौलपुर जिलों में मानसून मेहरबान रहेगा। यहां सामान्य से अधिक वर्षा के संकेत हैं, जिससे कृषि कार्यों को गति मिलने की पूरी संभावना है।
जोधपुर और बीकानेर में धीमी रहेगी वर्षा
पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर संभाग में इस साल मानसून की सक्रियता कमजोर रह सकती है। इन क्षेत्रों में कम बारिश के कारण जल संकट बना रह सकता है।