Rajasthan HC: जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा होंगे राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, जन्मदिन पर लेंगे शपथ

भारत सरकार ने जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा को राजस्थान हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। 27 सितंबर 2025 को वे जयपुर में शपथ लेंगे, जो उनका जन्मदिन भी है।

Updated On 2025-09-26 16:04:00 IST

Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट को नया कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है। भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा को इस पद की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। यह नियुक्ति 27 सितंबर 2025 को की जाएगी, जब वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के.आर. श्रीराम अपने कार्यकाल से सेवानिवृत्त होंगे।

राजस्थान हाईकोर्ट कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति पत्र

दिलचस्प बात यह है कि 27 सितंबर को ही जस्टिस शर्मा का जन्मदिन भी है। इसी दिन वे अपने गृह नगर जयपुर में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ग्रहण करेंगे। यह अवसर उनके लिए पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों दृष्टि से ऐतिहासिक होगा।

जयपुर में हुआ था जन्म

जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा का जन्म 27 सितंबर 1964 को जयपुर में हुआ था। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से 1987 में कानून की डिग्री हासिल की और उसी वर्ष 30 मई को राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत की शुरुआत की। वकील के रूप में उन्होंने संवैधानिक, सेवा, श्रम, आपराधिक, वाणिज्यिक और आर्बिट्रेशन जैसे विभिन्न विधिक क्षेत्रों में प्रैक्टिस की।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष

उन्हें 16 नवंबर 2016 को वकील कोटे से राजस्थान हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद वे जनवरी 2022 में पटना हाईकोर्ट और 2023 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट स्थानांतरित हुए। हाल ही में 14 जुलाई 2025 को वे पुनः राजस्थान हाईकोर्ट में वापस आए और वर्तमान में वहां के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। साथ ही वे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (Rajasthan SLSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। जस्टिस शर्मा का कार्यकाल 26 सितंबर 2026 तक रहेगा।

हाईकोर्ट में लंबित मामलों का बढ़ता बोझ

राजस्थान हाईकोर्ट में वर्तमान में स्वीकृत 50 न्यायाधीश पदों में से केवल 42 पद भरे हुए हैं। मुख्य न्यायाधीश श्रीराम के सेवानिवृत्त होने के उपरांत 25 सितंबर को हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा उन्हें औपचारिक विदाई दी गई। 26 सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, हाईकोर्ट में 6,72,519 मामले लंबित हैं, जो न्यायिक प्रणाली की वर्तमान चुनौतियों को दर्शाते हैं। 

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