जयपुर में एक और नए वायरस ने दी दस्तक: बच्चों में बढ़ रहे हैंड, फुट, माउथ डिजीज (HFMD) के मामले

जयपुर में बच्चों में हैंड, फुट, माउथ डिजीज (HFMD) के मामले बढ़ रहे हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले छोटे बच्चों में तेजी से फैल रही यह संक्रामक बीमारी। जानिए लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में।

Updated On 2025-07-30 13:24:00 IST

Rajasthan News: जयपुर में एक और नए वायरस ने एंट्री मार ली है। जिसकी वजह से बच्चों में हैंड, फुट, माउथ डिजीज (HFMD) के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जेके लोन अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगभग 4 से 5 नए मरीज इस बीमारी के लिए पहुंच रहे हैं। यह बीमारी खासकर पांच साल तक के बच्चों को प्रभावित कर रही है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में बच्चों के हाथ, पैर और मुंह में दर्दनाक छाले और फफोले शामिल हैं।

शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, वह बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। छोटे बच्चों की इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित नहीं होने के कारण वे वायरस की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। कई बार एक ही परिवार के दो या अधिक बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए परिजनों को संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

ऐसे फैलता है वायरस

HFMD कॉक्ससैकी वायरस ए-16 और एंटरोवायरस 71 के कारण होती है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसने, छींकने, लार या नाक के स्राव के जरिए फैलता है। इसके अलावा संक्रमित सतहों और खिलौनों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है।

डॉक्टरों की सलाह- घबराएं नहीं

डॉक्टरों का कहना है कि भले ही यह बीमारी तेजी से फैलती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सही समय पर पहचान और उचित देखभाल से बच्चे जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं। इस बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन अधिकतर बच्चे 7 से 10 दिन में खुद ठीक हो जाते हैं। बुखार, गले में दर्द या छालों की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। डॉ. कृष्ण कुमार यादव, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और उप अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल ने कहा कि साफ-सफाई और बच्चों की देखभाल से इस बीमारी से बचाव संभव है।

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