फायर शाखा की फाइलों में दबी जनता की सुरक्षा, 250 से ज्यादा फायर NOC की फाइलें लंबित

जयपुर नगर निगम में बीते दो सालों से आम लोगों के काम अधर में लटके हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खराब हालात फायर शाखा में देखने को मिल रहे हैं।

Updated On 2025-12-20 10:50:00 IST

जयपुर नगर निगम में बीते दो सालों से आम लोगों के काम अधर में लटके हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खराब हालात फायर शाखा में देखने को मिल रहे हैं। निगम की आंतरिक रिपोर्ट ने इस अव्यवस्था की पोल खोल दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, फायर एनओसी से जुड़े सैकड़ों आवेदन अब भी दफ्तरों में धूल फांक रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, फायर शाखा में 250 से अधिक फाइलें फिलहाल पेंडिंग हैं। प्रशासन की ओर से हाल ही में इन लंबित मामलों की समीक्षा की गई, जिसके बाद लंबे समय से अटकी फाइलों को जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए। बावजूद इसके, जमीनी हालात अब भी जस के तस बने हुए हैं।

रिपोर्ट में सामने आया है कि पेंडिंग 250 से ज्यादा फाइलों में करीब 125 आवेदन ऐसे हैं, जिन्हें जमा हुए 30 दिन से कम समय हुआ है। वहीं, लगभग 100 फाइलें ऐसी हैं, जिन पर 30 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई आवेदन भजनलाल सरकार के सत्ता में आने के कुछ महीनों बाद ही जमा हुए थे, लेकिन एक-दो साल बीत जाने के बावजूद उनका निपटारा नहीं हो सका।

दूसरी ओर, कुछ मामलों में सिस्टम की रफ्तार बिल्कुल अलग नजर आती है। कई फाइलों को सिर्फ 14 दिनों में ही फायर एनओसी जारी कर दी गई। यहां तक कि कुछ मामलों में एक ही दिन में 6-6 अधिकारियों से फाइल पर अप्रूवल ले लिया गया, जिससे प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

नगर निगम की प्रशासक और संभागीय आयुक्त पूनम ने बताया कि फायर शाखा में फाइलों के निपटारे को लेकर उन्हें शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। साथ ही, अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि 30 दिन की तय समयसीमा का सख्ती से पालन किया जाए और फाइलों का निस्तारण फीफो यानी “पहले आई, पहले निपटी” के आधार पर किया जाए।

प्रशासक ने यह भी माना कि फाइलों की लौटा-फेरी एक बड़ी समस्या है। कई मामलों में कार्मिक फाइलों को सही तरीके से जांचे बिना वापस लौटा देते हैं, जिससे आवेदन लंबे समय तक अटके रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित कार्मिकों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

2 साल घुमाई फाइल, अंत में कर दी निरस्त

हाल ही में कुछ ऐसे आवेदन भी निरस्त किए गए, जो एक साल या उससे ज्यादा समय से पेंडिंग थे। इन फाइलों को फायर फाइटिंग उपकरणों की कमी और नियमों का हवाला देकर खारिज कर दिया गया। एक मामला ऐसा भी सामने आया, जिसमें फाइल 680 दिनों से ज्यादा समय तक लंबित रही और अंत में वाटर टैंक की क्षमता थोड़ी कम होने का कारण बताकर आवेदन निरस्त कर दिया गया।

बाबू स्तर पर सबसे ज्यादा अड़चन

रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि कुल 255 लंबित फाइलों में से सबसे ज्यादा 124 फाइलें डिलिंग असिस्टेंट (डीए) यानी बाबू स्तर पर अटकी हुई हैं। आरोप है कि कई बाबू उन्हीं फाइलों को आगे बढ़ाते हैं, जिन पर ऊपर से दबाव या निर्देश होते हैं। इसके अलावा 45 से अधिक फाइलें चीफ फायर ऑफिसर (CFO) और 30 से ज्यादा फाइलें उपायुक्त फायर (DC) के स्तर पर लंबित पड़ी हैं।

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