गिवअप अभियान: राजस्थान में अपात्र लाभार्थियों पर शिकंजा, इन परिवारों का कटेगा नाम
राजस्थान में अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा योजना में सख्ती, फोर व्हीलर मालिकों व आयकरदाताओं को नोटिस व वसूली की प्रक्रिया शुरू।
Rajasthan Ration Card: राजस्थान सरकार ने अब खाद्य सुरक्षा योजना का अनुचित लाभ ले रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। अब तक अपील और जागरूकता के माध्यम से लाभ छोड़वाया जा रहा था, लेकिन अब रसद विभाग को राशन दुकानों पर औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन मालिकों की जानकारी भी एकत्र की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अपात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ न उठा रहे हों।
जल्द जारी होंगे नोटिस, वसूली की प्रक्रिया शुरू
खाद्य विभाग द्वारा एक नई पहल के तहत ऐसे सभी लाभार्थियों को नोटिस भेजे जाएंगे, जो योजना की पात्रता के बाहर हैं। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उचित मूल्य दुकानों पर नियमित निरीक्षण करें और योजना के तहत सूचीबद्ध अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन पर वसूली की कार्रवाई की जाए।
गिवअप अभियान से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
प्रदेश में 1 नवंबर 2024 से शुरू हुए 'गिवअप अभियान' के जरिए अब तक 22.32 लाख लोगों ने स्वेच्छा से लाभ छोड़ा है। इससे सरकार पर सालाना 409.39 करोड़ रुपये का वित्तीय भार कम हुआ है। अकेले उदयपुर जिले से 32,252 लाभार्थियों ने योजना से नाम वापस लिया, जबकि 8130 आवेदन अब तक प्राप्त हो चुके हैं। इस कार्य में 250 से अधिक कर्मचारियों की टीमें लगातार जुटी हुई हैं।
किन्हें छोड़ना होगा योजना का लाभ?
जिन परिवारों में कोई सदस्य आयकरदाता हो।
परिवार का कोई सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्था में कार्यरत हो।
जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से अधिक हो।
जिनके पास फोर व्हीलर वाहन (व्यावसायिक उपयोग को छोड़कर) मौजूद हो।
सरकार का उद्देश्य लाभ सही हाथों तक पहुंचे
खाद्य विभाग के उदयपुर जिला आपूर्ति अधिकारी मनीष भटनागर ने बताया कि अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल जरूरतमंदों तक पहुंचे। जो लोग पात्र नहीं हैं, उनसे योजना छोड़ने की अपील की गई है और बेझा लाभ लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।