राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 10% की बढ़ोतरी
राजस्थान सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 10% वृद्धि की। भवनों की मरम्मत और पोषण योजनाओं में भी बड़े फैसले लिए गए।
सीएम भजनलाल शर्मा।
Rajasthan: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हित में बड़ा कदम उठाते हुए उनके मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने का ऐलान किया है। यह निर्णय मंगलवार को सचिवालय में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी ने की। बैठक में महिला अधिकारियों, विभागीय निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अफसरों की उपस्थिति में विभागीय योजनाओं, बजट घोषणाओं और योजनाओं की प्रगति को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
भवनों की मरम्मत और सुविधाओं के लिए 50 करोड़ का प्रस्ताव
बैठक के दौरान राज्य भर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के 3,688 भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। यह कार्य समग्र शिक्षा अभियान के सहयोग से किया जाएगा ताकि केंद्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
‘अमृत आहार योजना’ और ‘न्यूट्रि-किट योजना’ में सुधार के निर्देश
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गंभीर रूप से कुपोषित (सैम) बच्चों को दिए जाने वाले दूध की मात्रा सप्ताह में पांच दिन तक बढ़ाई जाएगी। साथ ही, 'न्यूट्रि-किट योजना' के क्रियान्वयन को और प्रभावी बनाने पर बल दिया गया ताकि पोषण स्तर में और सुधार हो सके।
राजस्थान बना पीएम मातृ वंदना योजना में देश में नंबर 1
दीया कुमारी ने गर्वपूर्वक जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत राजस्थान ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने इस प्रदर्शन की सराहना करते हुए विभागीय अधिकारियों को इस रफ्तार को बनाए रखने के निर्देश दिए।
इन योजनाओं की भी हुई समीक्षा
- पोषण ट्रैकर
- हाई-प्रोफाइल आंगनबाड़ी
- सखी केंद्र
- उड़ान योजना
- नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना
- कौशल सामर्थ्य योजना
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
बुनियादी सुविधाएं हों प्राथमिकता में
दीया कुमारी ने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इन केंद्रों की स्थिति सीधे तौर पर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी हुई है।
जन-जागरूकता बढ़ाने पर जोर
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विभागीय योजनाओं और उनकी सफलताओं को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग करें। उन्होंने कहा, “अच्छे काम सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं होने चाहिए, उन्हें ज़मीन पर और लोगों के बीच भी दिखना चाहिए।”