महाराष्ट्र विधानसभा: विपक्ष के 115 विधायकों ने ली शपथ; राहुल नार्वेकर का स्पीकर बनना लगभग तय

महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दूसरे दिन रविवार(8 दिसंबर) को विपक्ष के 115 विधायकों ने शपथ ली। स्पीकर पद के लिए राहुल नार्वेकर का चयन तय। जानें अपडेट।

Updated On 2024-12-08 14:42:00 IST
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन विपक्षी पार्टियों के विधायक शपथ लेंगे।

Maharashtra Assembly Oath: रविवार(8 दिसंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र के  दूसरे दिन  विपक्ष के 115 विधायकों ने शपथ ली। बता दें कि विधानसभा की पिछली दो कार्यवाहियों में विपक्षी विधायक शपथ नहीं ले पाए थे। समाजवादी पार्टी के दो विधायकों को छोड़कर महाविकास अघाड़ी के बाकी सभी विधायकों ने शपथ ग्रहण वाले सत्र का बहिष्कार कर दिया था। विधायक ईवीएम (EVM) की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विधानसभा से वॉकआउट कर गए थे। इस बीच, स्पीकर पद के लिए भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर को चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।  

विपक्षी विधायकों का शपथ ग्रहण  
आज विपक्ष के 115 विधायकों ने शपथ ली। शनिवार को 173 विधायकों ने शपथ ली थी। शिवसेना (UBT) और कांग्रेस के विधायक वॉकआउट के बाद सत्र में लौटे। विपक्ष का कहना है कि ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विपक्षी दल महाविकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने इस मुद्दे पर पहले बैठक की।  

राहुल नार्वेकर की मजबूत दावेदारी  
भाजपा के राहुल नार्वेकर ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। नार्वेंकर के मुकाबले किसी दूसरे विधायक ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। ऐसे में नार्वेकर का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। उनके नामांकन के समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार और एकनाथ शिंदे मौजूद थे। स्पीकर के चयन के बाद विधानसभा सत्र 9 दिसंबर तक चलेगा।  

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मारकडवाडी विवाद का असर  
सोलापुर जिले के मारकडवाडी गांव में ईवीएम गड़बड़ी का आरोप लगातार चर्चा में है। ग्रामीणों ने बैलट पेपर से मॉक वोटिंग की योजना बनाई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे रोक दिया। इस विवाद में 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। गांववालों ने ईवीएम के आंकड़ों को गलत बताया है।  इसके बाद से ही महाविकास अघाड़ी के विधायक ईवीएम के जरिए धांधली करने का आरोप लगा रहे हैं। 

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नेता विपक्ष काे लेकर असमंजस
विधानसभा में नेता विपक्ष को लेकर असमंजस बना हुआ है। विपक्षी दलों के पास नेता विपक्ष के लिए जरूरी 10% सीटें नहीं हैं। महाविकास अघाड़ी के पास 46 सीटें हैं, जो इस पद के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में विधानसभा में कोई मुख्य विपक्षी दल नहीं होगा। महाविकास अघाड़ी की तीनों पार्टियां एक साथ मिलकर नेता प्रतिपक्ष के लिए दावेदारी पेश करने की योजना बना रही हैं।

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