Samajwadi Party Quits MVA: महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने शनिवार(7 दिसंबर) को खुद को MVA से अलग करने का ऐलान कर दिया। समाजवादी पार्टी ने यह फैसला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता मिलिंद नार्वेकर के विवादित बयान के बाद लिया गया।
जानें आखिर किस बयान पर बढ़ा विवाद
बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की 32वीं वर्षगांठ पर नार्वेकर ने बालासाहेब ठाकरे के बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा था, "मुझे गर्व है उन पर जिन्होंने यह किया।" इसके साथ ही बाबरी विध्वंस की एक तस्वीर भी साझा की गई थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई थी।
— Milind Narvekar (@NarvekarMilind_) December 5, 2024
समाजवादी पार्टी ने दिखाया सख्त रुख
समाजवादी पार्टी ने कहा कि इस तरीके का बयान हमें नामंजूर है। पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने कहा, "समाजवादी पार्टी कभी सांप्रदायिक विचारधारा के साथ नहीं रह सकती। इसलिए, हम MVA से अलग हो रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) धर्मनिरपेक्षता और संविधान की रक्षा के सिद्धांतों के खिलाफ जा रही है।
एसपी नेता रईस शेख ने उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के नेता रईस शेख ने कहा, "MVA का गठन संविधान और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए हुआ था। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के इस बयान से गठबंधन की मूल भावना पर चोट पहुंची है। उद्धव ठाकरे को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा बयान क्यों दिया गया। महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी (MVA) में चुनाव परिणाम के बाद पहली बार दरार सामने आई है।
कैबिनेट गठन के दौरान भी दिखा मतभेद
महा विकास अघाड़ी में समाजवादी पार्टी के दो विधायक हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी एसपी विधायकों का बागी तेवर साफ नजर आया। एसपी विधायक आजमी और रईस शेख ने आज शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया, जबकि MVA ने इसे बहिष्कार करने का फैसला किया था। आजमी ने कहा, "अगर MVA में शामिल पार्टियां इस तरह के बयान देती हैं, तो बीजेपी और उनमें क्या फर्क रह जाता है?"
MVA ने चुनाव के नतीजों पर उठाए सवाल
MVA के बाकी नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों में ईवीएम (EVM) के दुरुपयोग का आरोप लगाया। शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राऊत ने चुनाव परिणाम आने के बाद कहा कि कुछ न कुछ गडबड़ हुई है। उन लोगों ने हमारी चार से पांच सीटें चोरी की हैं। यह नतीजे महाराष्ट्र के लोगों के नतीजे नहीं है। आदित्य ठाकरे ने इसे "लोकतंत्र की हत्या" करार दिया। वहीं, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने भी चुनाव बैलट पेपर से कराने की मांग की।
ये भी पढें: महाराष्ट्र: सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस बोले- बदलाव की राजनीति करें, बदले की नहीं
एमवीए नहीं जीत पाई हैं ज्यादा सीटें
महाराष्ट्र चुनावों में बीजेपी, एकनाथ शिंदे गुट, और अजित पवार गुट वाले महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतीं। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, MVA ने चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए इसे जनता का नहीं, बल्कि ईवीएम का जनादेश बताया। बता दें कि महाराष्ट्र में एमवीए में शामिल किसी भी पार्टी ने इतनी सीटें हासिल नहीं की है अपने अपने दम पर विधानसभा में विपक्ष का दर्जा हासिल कर सके।