E-bike Policy: मुंबई में ऐप-आधारित बाइक-टैक्सी सेवा अवैध, परिवहन मंत्री ने सवारी बनकर खोली पोल; देखें Video
Maharashtra bike taxi rules: परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने रैपिडो ऐप से खुद सवारी बुक कर मुंबई में अवैध बाइक टैक्सी सेवा का भंडाफोड़ किया। जानिए पूरी खबर विस्तार से।
मुंबई में ऐप-आधारित बाइक-टैक्सी सेवा अवैध, परिवहन मंत्री ने सवारी बनकर खोली पोल।
Maharashtra Bike Taxi Rules : महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मुंबई में अवैध रूप से संचालित ऐप बेस्ड बाइक टैक्सी सर्विस की पोल खोल दी। बुधवार (2 जुलाई) को उन्होंने अपनी पहचान छिपाकर रैपिडो की राइड बुक की। साथ ही अपने ही विभाग के अफसरों के दावों का पर्दाफाश कर दिया। बताया, बिना अनुमति चल रही ऐसी टैक्सी सर्विस जल्द ही प्रतिबंधित की जाएंगी।
मंत्री सरनाईक ने मीडिया को बताया कि परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें बताया था कि मुंबई में कोई भी अवैध बाइक टैक्सी सेवा संचालित नहीं है, लेकिन मैंने जब सच्चाई जानने के लिए खुद रैपिडो ऐप से राइड बुक की तो हकीकत सामने आ गई।
पहचान बताते ही घबरा गया बाइक सवार
मंत्री सरनाईक के मुताबिक, उन्होंने मंत्रालय से दादर के लिए अलग नाम से रैपिडो ऐप पर सवारी बुक की थी। 10 मिनट के भीतर ही बाबू गेनू जंक्शन के पास बाइक सवार उन्हें लेने पहुंचा। ऐप ने ₹195 रुपए किराया दर्शा रहा था, लेकिन बाइक सवार अधिक रुपए मांगने लगा। मंत्री ने उसे जब अपनी पहचान बताई तो वह घबरा गया।
मंत्री ने बाइक सवार को समझाते हुए कहा, यह व्यवस्था आप सबकी सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से बनाई गई है। इसलिए इसका दुरुपयोग न करें। इस दौरान मंत्री ने बाइक सवार को ₹500 सद्भावना स्वरूप देना चाहा, लेकिन बाइक सवार ने इनकार कर दिया। मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।
असली जिम्मेदार नेटवर्क चलाने वाले
मंत्री ने कहा, तुम जैसे किसी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करने से कोई लाभ नहीं होगा। असली जिम्मेदार वो लोग हैं, जो इस पूरे अवैध नेटवर्क को संचालित करते हैं। परिवहन मंत्री ने माना कि मुंबई में बाइक टैक्सी सेवाएं फिलहाल अवैध रूप से संचालित हैं। जो कि न सिर्फ आम लोगों से एक्ट्रा चार्ज करते हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक हैं।
वर्तमान स्थिति और सरकारी नीति
महाराष्ट्र सरकार ने अब तक किसी भी ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सेवा को आधिकारिक मंज़ूरी नहीं दी है। हाल ही में शुरू की गई ई-बाइक पॉलिसी के अनुसार, ऐसी सेवाएं केवल एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ही चलाई जा सकती हैं। वह भी तब जब कंपनियां तय नियाम शर्तों का पूरी तरह से पालन करें।
आज़ाद मैदान थाने में हुई थी FIR
हैरान करने वाली बात ये है कि महाराष्ट्र सरकार ने इन नियमों को अब तक औपचारिक रूप से अधिसूचित ही नहीं किया है। ऐसे में इन सेवाओं का संचालन तकनीकी रूप से अवैध बनता है। पिछले महीने, रैपिडो और उबर के खिलाफ आज़ाद मैदान थाने में FIR दर्ज की गई थी, जिन पर बिना परमिट के बाइक टैक्सी चलाने का आरोप है।
सरकार की अगली कार्रवाई
सरकार फिलहाल नए नियामक ढांचे पर विचार कर रही है। ताकि, ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सर्विस को नियंत्रित और वैध किया जा सके। लेकिन जब तक इन नियमों को अधिसूचित नहीं किया जाता, ऐसे संचालन को गैरकानूनी ही माना जाएगा।
ऐप-आधारित सेवाओं के नियमन पर सवाल
परिवहन मंत्री की इस जमीनी कार्रवाई ने न केवल सरकारी दावों की सच्चाई उजागर की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि नियमों की अनदेखी कैसे की जा रही है। यह घटना शहरी मोबिलिटी, सुरक्षा, और ऐप-आधारित सेवाओं के नियमन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। अब देखना होगा कि सरकार इन अवैध सेवाओं पर किस तरह लगाम कसती है और ई-बाइक नीति को कब तक औपचारिक रूप देती है।