BMC Election 2026: बीजेपी 137 और शिवसेना 90 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, महायुति में फाइनल हुआ फॉर्मूला
नामांकन की समय सीमा से ठीक पहले भाजपा और शिंदे गुट में सहमति बनी, जबकि अजित पवार की एनसीपी ने अकेले लड़ने का फैसला किया है।
चुनाव जीतने के लिए महायुति ने 'क्रॉस-सिंबल' की खास रणनीति अपनाई है।
महाराष्ट्र : मुंबई महानगरपालिका के रण के लिए महायुति गठबंधन ने अपनी बिसात बिछा दी है। लंबे समय से चल रही खींचतान और बैठकों के दौर के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा तय हो गया है।
15 जनवरी 2026 को होने वाले मतदान से ठीक पहले, गठबंधन ने 'मिशन बीएमसी' को फतह करने के लिए अपना मास्टर प्लान तैयार कर लिया है, जिसमें अजित पवार की एनसीपी फिलहाल अलग राह पर नजर आ रही है।
सीटों का गणित और गठबंधन का स्वरूप
मुंबई की कुल 227 नगरसेवक सीटों के लिए हुए समझौते के तहत भारतीय जनता पार्टी बड़े भाई की भूमिका में नजर आएगी। भाजपा 137 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 90 सीटें आवंटित की गई हैं।
यह फैसला दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पिछले प्रदर्शन और जीतने की क्षमता के आधार पर लिया गया है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने आधिकारिक तौर पर इस फॉर्मूले की पुष्टि कर दी है।
अजित पवार की एनसीपी और छोटे दलों की स्थिति
इस चुनावी समीकरण में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है और वह स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरी है।
वहीं, रामदास अठावले की RPI (A) जैसे छोटे सहयोगियों के लिए अलग से सीटें नहीं छोड़ी गई हैं।
तय हुआ है कि भाजपा और शिवसेना अपने-अपने कोटे (137 और 90) में से ही इन सहयोगी दलों और निर्दलीयों को जगह देंगे।
रणनीतिक समझौता और सिंबल की अदला-बदली
चुनाव जीतने के लिए महायुति ने 'क्रॉस-सिंबल' की खास रणनीति अपनाई है। इसके तहत कुछ सीटों पर भाजपा के मजबूत चेहरे शिवसेना के 'धनुष-बाण' निशान पर चुनाव लड़ सकते हैं, वहीं शिवसेना के कुछ प्रत्याशी भाजपा के 'कमल' के निशान पर मैदान में उतरेंगे।
यह फैसला उन विशिष्ट वार्डों के समीकरणों को ध्यान में रखकर लिया गया है जहा किसी खास पार्टी के चुनाव चिन्ह की पकड़ अधिक मजबूत मानी जाती है।
विपक्ष की घेराबंदी और बदला हुआ सियासी मिजाज
महायुति के इस फॉर्मूले के सामने विपक्ष भी नई रणनीति के साथ खड़ा है। जहा एक तरफ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच नजदीकियों की चर्चा है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के साथ हाथ मिलाया है।
विपक्षी खेमे में हो रही इस लामबंदी के बीच भाजपा-शिवसेना ने अपने कैडर को एकजुट रहने और 'मराठी बनाम गैर-मराठी' के मुद्दे को विकास के नाम पर साधने का निर्देश दिया है।
चुनावी कार्यक्रम पर एक नजर
बीएमसी चुनाव की प्रक्रिया अब अपने निर्णायक मोड़ पर है। नामांकन की अंतिम तिथि 30 दिसंबर 2025 तय की गई है, जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 2 जनवरी 2026 है।
इसके बाद 15 जनवरी 2026 को मुंबई की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी और 16 जनवरी 2026 को आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि देश की सबसे अमीर महानगरपालिका की सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी।