Bhopal Ganesh Visarjan: भोपाल में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, समिति पदाधिकारी को नहीं मिली यह अनुमति, जानें कैसी रहेगी व्यवस्था 

Bhopal Ganesh Visarjan: राजधानी भोपाल में मंगलवार को व्यापक स्तर पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम सहित अन्य प्रशासन ने कमर कस ली है।

Updated On 2024-09-16 22:39:00 IST
Bhopal Ganesh Visarjan

भोपाल (वहीद खान)। मंगलवार को भोपाल में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। वहीं, इस बार भी गणेश विसर्जन के दौरान समिति के पदाधिकारियों को मूर्तियों का विसर्जन करने की अनुमति नहीं दी है। ऐसी स्थिति में समिति पदाधिकारी विसर्जन स्थलों पर अपनी प्रतिमाओं को नगर निगम अमले को सौपेंगे। इसके बाद बड़ी-बड़ी क्रेनों की मदद से प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। शहर के विसर्जन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि छोटी मूर्तियों के लिए कुंड बनाए गए हैं। इसके अलावा स्टॉल भी लगेंगे। जहां लोग गणेश मूर्तियां रख सकेंगे। फिर निगम कर्मचारी इन्हें विसर्जित करेंगे।

अमला घाटों पर तैनात, ऐसी रहेगी व्यवस्था
डोल ग्यारस से निगम, जिला प्रशासन और पुलिस का अमला घाटों पर तैनात है, जो 19 सितंबर तक रहेगा। पूर्व में हुए हादसों को देखते हुए पानी में उतरकर मूर्ति विसर्जित करने की मनाही रहेगी। बड़ी मूर्तियों के लिए सभी घाटों पर क्रेन मौजूद है। पूजा-अर्चना के बाद लोग क्रेन पर मूर्ति रखेंगे, जिन्हें तालाब में विसर्जित कर दिया जाएगा। छोटी मूर्तियों के लिए यही पर कुंड भी बने हैं। इसके साथ खटलापुरा, प्रेमपुरा, संत हिरदाराम नगर बैरागढ़, हथाईखेड़ा डैम, शाहपुरा और आर्च ब्रिज के घाट पर मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। 

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कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि सभी विसर्जन घाटों पर एसडीएम की ड्यूटी लगाई गई है, जहां उन्हें सुरक्षा के साथ निगरानी करना है। 

शाम को निकलेगा सामूहिक जुलूस, देर रात पहुंचेगा
हिंदू उत्सव समिति के संतोष साहू ने बताया कि शाम 6.30 बजे से सेंट्रल लाइब्रेरी के पास से सामूहिक विसर्जन जुलूस शुरू होगा, जो इतवारा, मंगलवारा, हनुमानगंज, जनकपुरी, सिंधी मार्केट, सोमवारा होते हुए कमलापति घाट पहुंचेगा। जुलूस में करीब 200 झांकियां शामिल होंगी।

पूजन सामग्री भी कर सकेंगे जमा
लोग पूजा के दौरान निकलने वाली सामग्री फल, फूल, नारियल आदि को पानी में प्रवाहित नहीं करेंगे। विसर्जन घाटों पर ही अलग से व्यवस्था रहेगी। निगमकर्मी इन्हें घाटों पर ही इकट्ठा करेंगे। करीब 60 टन सामग्री निकलने का अनुमान है। फूल-मालाओं से जैविक खाद बनाई जाएगी।

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