पुलिस मुखबिरी की सजा मौत’: बालाघाट में आदिवासी युवक का अपहरण, नक्सलियों ने छोड़े चेतावनी भरे पर्चे
बालाघाट के लांजी क्षेत्र में नक्सलियों ने आदिवासी युवक का अपहरण कर धमकी भरे पत्र छोड़े। लिखा-पुलिस की मुखबिर पर मौत की सजा। पढ़ें पूरी खबर
बालाघाट में नक्सलियों का आतंक: आदिवासी युवक का अपहरण
Balaghat Naxalite Attack: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सलियों ने एक आदिवासी युवक देवेंद्र उर्फ धदू को अगवा कर लिया। लाल स्याही से लिखे दो नक्सली पर्चे छोड़ते हुए उन्होंने युवक पर पुलिस मुखबिर का आरोप लगाया है। घटना लांजी क्षेत्र के चौरिया गांव की है। क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
क्या है मामला
बालाघाट रेंज के आईजी संजय कुमार ने युवक के अपहरण और नक्सली पर्चे की पुष्टि की है। बताया कि चौरिया गांव निवासी देवेंद्र उर्फ धदू के अपहरण की सूचना मिली है। आशंका है कि मलाजखंड एरिया कमेटी (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी - माओवादी) ने उसे अगवा किया है। जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।
पहले पत्र में मुखबिरी का आरोप
नक्सलियों ने पहले पर्चे में देवेंद्र को पुलिस का मुखबिर बताया है। पत्र के अनुसार, देवेंद्र ने कई बार माओवादी गतिविधियों की सूचना पुलिस को दी है। उसे 'दहान' नाम से जंगल में बैठाया गया था। पितकोना चौकी तक वह पुलिस के लिए दूध-दही लेकर जाता था। इन सब कारणों के चलते उसे मौत की सजा दी गई।
दूसरे पत्र में पुलिस पर गंभीर आरोप
नक्सलियों ने दूसरे पर्चे में पुलिस को साम्राज्यवादी ताकतों का रक्षक बताया है। उसमें लिखा है कि पुलिस गरीबों को आपस में लड़वाकर मरवाती है। विस्थापन और लूट का माध्यम बनती है। लोगों को पुलिस से दूरी बनाकर रखने की चेतावनी दी है। कहा, पुलिस मुखबिरों को गांव में ही सुधारें, वरना परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
क्या है पुलिस का मिशन-2026?
बालाघाट पुलिस जिले में ‘मिशन-2026’ के तहत नक्सल उन्मूलन अभियान चला रही है। इस मिशन के तहत जंगलों में नक्सली नेटवर्क तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। स्थानीय आदिवासी समुदाय में नक्सल विचारधारा के खिलाफ जागरूकता फैलाई जा रही है। लगातार सर्च ऑपरेशन और इंटेलिजेंस इनपुट पर कार्रवाई हो रही है।
फिलहाल क्या है स्थिति
देवेंद्र की तलाश जारी है। जब तक युवक का पता नहीं चलता, यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि वास्तव में नक्सलियों ने उसकी हत्या की है या नहीं। पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी है।