जघन्य हत्याकांड: रोहतक में महिला के हत्यारों का सुराग जुटा रही पुलिस, शव के टुकड़ों की खोज भी जारी
रोहतक में जघन्य हत्याकांड की जांच करती पुलिस की टीम।
हरियाणा के रोहतक के हृदय विदारक और वीभत्स हत्याकांड में पुलिस हत्यारों का सुराग जुटा रही है। साथ ही महिला के शरीर के अन्य अंगों की तलाश भी जारी है। बता दें कि गुरुवार रात में पीजीआई डायरेक्टर ऑफिस और पोस्टमॉर्टम हाउस के ठीक पीछे, कर्मचारियों के क्वार्टर और रेलवे लाइन के बीच घनी झाड़ियों में जले मानव शरीर के कुछ टुकड़े बरामद हुए थे। जो हत्या करके यहां फेंके गए हैं।
डायल 112 पर कॉल आई
गुरुवार देर रात मिली इस सूचना ने पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। जैसे ही डायल 112 पर कॉल आई, जीआरपी थाना पुलिस, पीजीआई थाना पुलिस और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम मौके पर पहुंची। टीम को झाड़ियों के बीच जला हुआ मानव हाथ और पेट का कुछ हिस्सा पड़ा मिला। शरीर के इन टुकड़ों को देखकर लग रहा था कि पहचान मिटाने के उद्देश्य से इन्हें जलाने का प्रयास किया गया है।
पुलिस का मानना है कि बरामद हुए ये अंग किसी महिला के हैं, हालांकि इसकी पुष्टि विस्तृत फॉरेंसिक जांच के बाद ही हो पाएगी। दुखद बात यह है कि शरीर के बाकी हिस्से अभी तक बरामद नहीं हुए हैं, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा देता है। पुलिस ने तत्काल प्रभाव से मिले हुए टुकड़ों को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है और जीआरपी पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।
तुरंत पूरे इलाके को सील कर दिया
देर रात शव के टुकड़े मिलने के बाद जीआरपी ने तुरंत पूरे इलाके को सील कर दिया। चूंकि रात के अंधेरे में घनी झाड़ियों के अंदर तक पूरी तरह से तलाशी करना संभव नहीं था, इसलिए पुलिस ने सुबह होने का इंतजार किया। शुक्रवार सुबह होते ही एक बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस का मुख्य उद्देश्य मृतका के शरीर के बाकी हिस्सों को बरामद करना है, ताकि इस जघन्य अपराध की गुत्थी को सुलझाया जा सके और मृतका की पहचान स्थापित की जा सके। इस ऑपरेशन में कई टीमें जुटी हुई हैं और हर छोटे से छोटे सुराग को तलाशने की कोशिश कर रही हैं।
केमिकल का इस्तेमाल और सुनियोजित हत्या का शक
जांच से पता चला है कि बरामद मानव अंगों को जलाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया था। यह एक महत्वपूर्ण सुराग है, जो यह दर्शाता है कि अपराधी ने सबूत मिटाने और पहचान छिपाने की पूरी कोशिश की है। केमिकल का उपयोग यह भी संकेत देता है कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अपराध है। शरीर के ये टुकड़े कितने पुराने हैं, इस बात का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। यह रिपोर्ट अपराधियों तक पहुंचने में एक अहम भूमिका निभाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस तरह से शरीर के टुकड़ों को काटा गया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि यह कार्य किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है जिसे मानव शरीर रचना की अच्छी जानकारी है। अंगों को बड़ी ही सफाई के साथ काटा गया है और फिर उन्हें जलाने का प्रयास किया गया। पोस्टमॉर्टम हाउस के ठीक पीछे इन टुकड़ों का मिलना भी कई सवाल खड़े करता है, जो जांच को एक नई दिशा दे सकते हैं। क्या अपराधियों ने जानबूझकर ऐसा स्थान चुना, या इसके पीछे कोई और मकसद था, यह जांच का विषय है।
रात में रेलवे लाइनों के पास शव की सूचना मिली
जीआरपी एसएचओ जोगेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि उन्हें रात में रेलवे लाइनों के पास शव पड़े होने की सूचना मिली थी। उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंची और जांच में जला हुआ हाथ के साथ शरीर का कुछ हिस्सा मिला। उन्होंने बताया कि अंधेरे में पूरा सर्च ऑपरेशन संभव नहीं था। उसके बाद सुबह से ही यह अभियान जारी है ताकि शरीर के बाकी हिस्सों को भी बरामद किया जा सके।
पुलिस कई पहलुओं पर जांच कर रही
• मृतका की पहचान : यह सबसे महत्वपूर्ण पहला कदम है। आस-पास के लापता व्यक्तियों की रिपोर्टों की जांच की जा रही है।
• अपराध का तरीका : शरीर के टुकड़ों को काटने और जलाने के तरीके से अपराधियों की पहचान और उनके उद्देश्य का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
• घटनास्थल का महत्व : पोस्टमॉर्टम हाउस के पास के स्थान का चुनाव क्यों किया गया, इस पर भी गौर किया जा रहा है।
• साक्ष्य जुटाना : एफएसएल टीम द्वारा एकत्र किए गए सभी साक्ष्यों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा रहा है, जिसमें केमिकल के अवशेष भी शामिल हैं।
यह मामला रोहतक पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन वे इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस दर्दनाक घटना के पीछे का सच सामने आएगा और मृतका को न्याय मिलेगा।