जलस्तर बढ़ने का खतरा: हरियाणा के कई जिलों में अलर्ट, मोरनी हिल्स में बोटिंग बंद
लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। पंचकूला की प्रसिद्ध टिक्कर झील का जलस्तर हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश से काफी बढ़ गया है। वहीं, रोहतक के कई गांवों में खेतों में पानी भरने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
भारी बारिश के बाद रोहतक में किसानों के खेतों में भरा पानी।
हरियाणा में हो रही लगातार बारिश ने जहां एक तरफ गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर कई जिलों में जलस्तर बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने आज भी 16 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में अलर्ट जारी किया गया है।
मोरनी हिल्स में बढ़ी सख्ती
पंचकूला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मोरनी हिल्स में स्थित टिक्कर ताल का जलस्तर हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण काफी बढ़ गया है। पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने झील में बोटिंग और अन्य एडवेंचर गतिविधियों पर रोक लगा दी है। यह कदम संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
नवजात और युवती का शव मिला
बारिश और जलभराव के बीच कुछ दर्दनाक घटनाएं भी सामने आई हैं, जो समाज में बढ़ती संवेदनहीनता को दर्शाती हैं। कैथल के राजौंद क्षेत्र में एक नाले से नवजन्मी बच्ची का शव मिला, जिसे कुत्ते नोच रहे थे। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है। इसी तरह फतेहाबाद में हिसार रोड स्थित फतेहाबाद ब्रांच नहर के पुल के नीचे करीब 20 दिन पुरानी एक अज्ञात युवती का सड़ा-गला शव मिला है। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया था। पुलिस युवती की पहचान करने की कोशिश कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि क्या यह कोई हत्या का मामला है।
रोहतक में जलभराव की समस्या
रोहतक के महम क्षेत्र के भैणी सुरजन गांव में जलभराव की समस्या गंभीर बनी हुई है। पड़ोसी गांवों से आ रहे पानी के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया है। गांव की सरपंच काजल ने बताया कि पुट्ठी और सैमाण गांव का पानी उनके गांव में आ रहा है, जिससे जलस्तर कम नहीं हो पा रहा है। खेतों में पानी भरने से किसानों के कमरे और सोलर पैनल भी डूब गए हैं। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो किसानों को गेहूं की फसल बोने में परेशानी होगी और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
औसत से 19% अधिक बारिश दर्ज
इस मानसून सीजन में हरियाणा में अब तक औसत से 19% अधिक बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, कैथल, जींद और सिरसा जैसे 7 जिले ऐसे भी हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। वहीं, यमुनानगर (619.6 मिमी), रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और नूंह में औसत से 70% से ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में भी कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है, जिससे प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।