पैतृक संपत्ति से बेदखली का डर: रेवाड़ी में बेटों ने ही की थी पिता की हत्या, 3 गिरफ्तार
संगवाड़ी में हुई लालसिंह की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। पैतृक जायदाद से बेदखल होने की आशंका में दोनों बेटों ने ही एक अन्य साथी के साथ मिलकर पिता की लोहे की मूसली से वार कर हत्या की। शव को बाइक पर रखकर नहर में फेंक दिया था।
हरियाणा के रेवाड़ी में 30 मई को संगवाड़ी में हुई लालसिंह की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि पिता के जायदाद से वंचित रखने की आशंका के चलते उसके दोनों बेटे ने एक युवक के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। घर में ही लोहे की मूसली से सिर पर वार करने के बाद दोनों भाई बाइक पर शव नहर में डाल आए थे। मृतक के एक बेटे को पुलिस ने दो दिन पहले अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था, जबकि दूसरे बेटे व उसके साथी को अब गिरफ्तार किया गया है।
31 मई को कालाका नहर के पास मिला शव
बीते 31 मई को कालाका नहर के पास ग्रामीणों ने एक शव पड़ा देखा था। ग्रामीणों की सूचना पर मॉडल टाउन थाना पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया था। सीन आॅफ क्राइम टीम को भी पुलिस ने मौके पर बुलाया था। खून के निशान संगवाड़ी निवासी लालसिंह के घर तक पाए गए थे। इसके बाद शव की शिनाख्त लालसिंह के रूप में हो गई थी। चूंकि हत्या संगवाड़ी में ही की गई थी, इसलिए बाद में कसोला पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। पुलिस ने मृतक के भाई दलसिंह के बयान पर हत्या का केस दर्ज किया था। गत 2 जून को सीआईए को सूचना मिली थी संगवाड़ी निवासी रोहित पुत्र लालसिंह आसलवास फ्लाईओवर के नीचे हथियार के साथ खड़ा है। सीआईए ने मौके पर जाकर रोहित को देसी पिस्टल व दो कारतूस के साथ गिरफ्तार करने के बाद उसे कसोला पुलिस के हवाले कर दिया था। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही लालसिंह की हत्या की गुत्थी भी सुलझ गई।
रोहित ने पूछताछ में बताया कि उनका पिता उसे व उसके भाई मोहित को घर से निकालने के बाद जायदाद से बेदखल करना चाहता था। इसी कारण उसने अपने भाई व बनीपुर में किराए पर रह रहे मूल रूप से यूपी के मनोहरपुर निवासी पवन कुशवाह के साथ मिलकर पिता को लोहे से मूसली के वार से मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद दोनों भाई शव को बाइक पर रखकर नहर में डाल आए थे। पुलिस ने मोहित व पवन को भी गिरफ्तार कर लिया।
ससुराल पक्ष के लोगों पर जताया संदेह
पोस्टमार्टम के समय मृतक के बड़े भाई दलसिंह ने अपने बयान में बताया था कि लगभग बीस साल पहले उसके छोटे भाई भालसिंह की पत्नी संतोष की मौत हो गई थी। संतोष के मायके पक्ष के लोगों ने दहेज हत्या का केस दर्ज कराया था। इस केस में लालसिंह भी आरोपी था। यह केस हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उसने भाई के ससुराल पक्ष के लोगों की लालसिंह से रंजिश होने का खुलासा करते हुए कहा था कि इसके अलावा लालसिंह की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने संतोष के मायके पक्ष के लोगों से भी पूछताछ की थी।
मारपीट के बाद घर से निकाले थे बेटे
पुलिस जांच में यह बात सामने है कि लालसिंह ने अपने दोनों बेटों और पत्नी को करीब दो माह पहले मारपीट करने के बाद घर निकाल दिया था। लालसिंह की पत्नी अपने मायके गांव पातुहेड़ा चली गई थी। दोनों लड़के मोहित और रोहित घर से बाहर रह रहे थे। उन्हें इस बात की आशंका थी पिता दोनों को जायदाद से वचिंत कर सकता है। लालसिंह के दोनों बेटों के आपराधिक किस्म के युवकों के साथ रहना पसंद नहीं था। बेटों को इसी बात पर धमकाना उसके लिए जानलेवा साबित हो गया।