रेवाड़ी में भाजपा नेता की दबंगई: मकान तोड़ा तो होगा खून खराबा, नौकरी करना भूल जाओगे, वीडियो वायरल
रेवाड़ी में अवैध निर्माण तोड़ने गए DTP के साथ राव इंद्रजीत समर्थक भाजपा नेता ने दबंगई दिखाई। बोले, मकान तोड़ा तो खून खराबा होगा। नौकरी करना भूल जाओगे सारे और टीम को बैरग लौटना पड़ा।
DTP से बहस करते युवा भाजपा नेता व मूकदर्शक बनी देखती पुलिस।
हरियाणा के रेवाड़ी में युवा भाजपा नेता ने अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची DTP की टीम को सत्ता की ऐसी दबंगई दिखाई की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। DTP जहां अब कानूनी एक्शन लेने का मूड बना रहा है तो दबंगई दिखाते हुए मारपीट पर उतारू हुए भाजपा नेता अब बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। युवा नेता का कहना है कि जिस मकान को DTP तोड़ने गए थे, उस पर स्टे है। उनका मैं तो मकान मालिक के बुलाने पर वहां गया था।
नौकरी करना भूल जाओगे सारे
मकान तोड़ा तो खून खराबा हो जाएगा। नौकरी करना भूल जाओगे सारे। कुछ इसी तरह से डीटीपी टीम के सामने एक युवा खुलकर दबंगई दिखा रहा था। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई तमाशा देख रही थी और युवक डीटीपी टीम के साथ हाथापाई करने तक पर उतारू हो रहा था। परिणाम यह हुआ कि डीटीपी की टीम को बिना कार्रवाई बैरंग लौटना पड़ा। घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया। कार्रवाई का विरोध करने वाला युवक कोई और नहीं, बल्कि भाजपा युवा मोर्चा का पदाधिकारी निखिल मांढैया है, जो वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है। निखिल मांढैया और उनके पिता सजन पहलवान दोनों केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास समर्थक माने जाते हैं।
बावल रोड पर पहुंची थी टीम
डीटीपी मंदीप सिहाग बीते सोमवार को बावल रोड पर बिना अनुमति विकसित की जा रही एक कॉलोनी में तोड़फोड़ करने के लिए अपनी टीम के साथ पहुंचे थे। उसी समय निखिल मांढैया और उनकी मां भी वहां पहुंच गई। दोनों ने डीटीपी की कार्रवाई का विरोध किया। डीटीपी के साथ जमकर अभ्रदता करना शुरू कर दिया। बिना अनुमति बनाए गए मकान की एक र्इंट भी तोड़ने पर खून खराबा होने और कई अधिकारियों की नौकरी चले जाने की चेतावनी दी। वहां मौजूद एक महिला ने भी टीम में शामिल अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
मूकदर्शक बनकर खड़े रहे पुलिसकर्मी
वायरल वीडियो में यह घटनाक्रम साफ तौर पर दिखाई दे रहा है, जिसमें निखिल अधिकारियों पर बिना नोटिस दिए ही मकान तोड़ने की कार्रवाई करने के आरोप लगा रहे हैं। साथ ही वह तोड़फोड़ की कार्रवाई में भेदभाव के आरोप भी आरोप लगा रहे हैं। वह डीटीपी की ओर हाथापाई के लिए बढ़ते हुए भी नजर आ रहे हैं, जबकि वहां मौजूद पुलिसकर्मी उसका विरोध तक नहीं कर पा रहे। वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला राजनीतिक रंग भी ले सकता है। डीटीपी की ओर से कार्रवाई का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय भी लिया गया है।
राव की ओर से नहीं दी गई कोई छूट
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों को कभी भी गलत कार्य करने की छूट नहीं देते। अवैध कॉलोनियां काटने के मामले में जब विपक्षी नेताओं की ओर से सवाल उठाए गए थे, तो उन्होंने खुद डीटीपी को तलब करते हुए ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट किया था कि अगर कोई व्यक्ति अवैध रूप से कॉलोनी विकसित करता है, तो डीटीपी बिना किसी भेदभाव के उसके खिलाफ कार्रवाई करें। इसके बाद राव ने डीसी को भी अवैध निर्माण करने वालों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे।
सीएम के सख्त रुख पर बढ़ा एक्शन
पूर्व में सीएम नायब सिंह सैनी ने अवैध कॉलोनियां विकसित करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था। सीएम के आदेशों के बाद डीटीपी की ओर से काफी समय से अवैध निर्माण तोड़ने की मुहिम शुरू की हुई है। कई अवैध कॉलोनियों को तोड़ने के लिए नोटिस दिए हुए हैं। अगर इसी तरह से सत्ता पक्ष से जुड़े लोग ही कार्रवाई का विरोध करेंगे, तो डीटीपी के लिए अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकना मुश्किल हो जाएगा। यह मामला पार्टी हाईकमान से लेकर सरकार तक तक पहुंच सकता है।
विरोधियों को मिलेगा घेरने का मौका
वायरल हो रहे वीडियो में निखिल का साफ तौर पर विवाद खड़ा करना विरोधियों के लिए ‘हथियार’ का काम कर सकता है। निखिल के राव इंद्रजीत सिंह का करीबी होने के कारण विरोधी इस मुद्दे को एक बार फिर से हाथों-हाथ ले सकते हैं। इससे पहले जब पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने भूमाफिया को राजनीतिक संरक्षण मिला होने के आरोप लगाए थे। उसके बाद ही केंद्रीय मंत्री की ओर से अधिकारियों को अवैध प्लॉटिंग पर बिना किसी दबाव के कार्रवाई करने का इशारा कर दिया था।
उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला
डीटीपी मंदीप सिहाग ने कहा कि मौके पर मेरे साथ जमकर बदसलूकी की गई। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए साथ गई पुलिस ने मूकदर्शक बनी रही। अवैध रूप से निर्माण करने वाले लोगों को किसी भी सूरत में छूट नहीं दी जा सकती। वायरल वीडियो के मामले में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। उच्चाधिकारियों को भी मामले से अवगत करा दिया गया है।
मैं वकील होने के नाते गया था
युवा भाजपा नेता निखिल मांढैया ने कहा कि जिस मकान को तोड़ने के लिए डीटीपी की टीम गई थी, उस मकान पर कोर्ट से स्टे मिल गया था। वकील होने के नाते मकान मालिक के कहने पर मैं वहां गया था। डीटीपी स्टे की कॉपी दिखाने को कह रहे थे, लेकिन उस समय कॉपी मोबाइल में ही थी। बाद में हार्ड कॉपी भी आ गई थी। मेरा किसी अवैध कॉलोनी से कोई लेना-देना नहीं है।
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