रेवाड़ी: BDPO 35 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, 50 लाख के बिल पास करने के बदले मांगे थे 5 लाख

आरोपी अधिकारी को एसीबी कार्यालय ले जाया गया, जहां एंटी-करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज होगा। इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।

Updated On 2025-12-26 16:10:00 IST

एंटी-करप्शन टीम की गिरफ्त में रिश्वत लेने का आरोपी बीडीपीओ। 

हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत नूंह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। टीम ने रेवाड़ी के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) सौरव उपाध्याय को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा है। आरोपी अधिकारी पर आरोप है कि वह ठेकेदारों के बकाये बिलों को पास करने के बदले 10 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा था।

50 लाख के बिलों पर अटका था पेंच

पूरा मामला रेवाड़ी खंड के विकास कार्यों से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, ब्लॉक समिति की चेयरमैन ममता यादव के पति रविंद्र जाडरा ने इस संबंध में नूंह एसीबी को औपचारिक शिकायत दी थी। रविंद्र स्वयं ठेकेदारों को क्रैशर की सप्लाई करते हैं। उन्होंने बताया कि रेवाड़ी ब्लॉक में विभिन्न विकास कार्यों के करीब 50 लाख रुपये के बिल काफी समय से लंबित थे। इन बिलों को पास करने की फाइल बीडीपीओ सौरव उपाध्याय की मेज पर रुकी हुई थी।

5 लाख की डिमांड और 10% कमीशन का खेल

शिकायतकर्ता रविंद्र जाडरा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने ठेकेदारों के भुगतान के संबंध में बीडीपीओ से मुलाकात की तो अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कमीशन की मांग की। बीडीपीओ का कहना था कि कुल भुगतान राशि का 10 प्रतिशत यानी 5 लाख रुपये दिए बिना फाइल आगे नहीं बढ़ेगी। ठेकेदारों का भुगतान न होने के कारण रविंद्र का पैसा भी मार्केट में फंसा हुआ था। बार-बार आग्रह करने के बावजूद जब बीडीपीओ अपनी मांग पर अड़ा रहा, तो रविंद्र ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क करने का फैसला किया।

एसीबी का जाल और रंगे हाथों गिरफ्तारी

नूंह एसीबी के इंस्पेक्टर जाकिर हुसैन के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। रणनीति के तहत एसीबी ने रविंद्र को पाउडर लगे हुए 35 हजार रुपये देकर बीडीपीओ के पास भेजा। जैसे ही रविंद्र ने रिश्वत की पहली किस्त के रूप में यह राशि बीडीपीओ सौरव उपाध्याय को थमाई, पास ही तैनात एसीबी की टीम ने दबिश देकर उन्हें धर दबोचा। जब अधिकारी के हाथ धुलवाए गए तो वे पाउडर के कारण गुलाबी हो गए, जो घूस लेने का पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण है।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज

गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम आरोपी अधिकारी को सती कॉलोनी स्थित अपने कार्यालय ले गई। वहां भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (Anti-Corruption Act) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करने की कागजी कार्रवाई शुरू की गई। इस रेड के बाद रेवाड़ी प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया है।

जांच का बढ़ता दायरा

एसीबी अब इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि क्या इस कमीशन के खेल में विभाग के कुछ अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी संलिप्त थे। फिलहाल, आरोपी बीडीपीओ पुलिस की गिरफ्त में है और उनसे पूछताछ जारी है। इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।

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