रेवाड़ी के पूत पर देश को नाज: शहीद सिद्धार्थ यादव को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, पिता ने दी मुखाग्नि

Siddharth Yadav Last Rites: बीते बुधवार को जगुआर क्रैश में शहीद हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान सेना की टुकड़ी ने सलामी देकर शहीद को श्रद्धांजलि दी।

Updated On 2025-04-04 13:46:00 IST
शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का अंतिम संस्कार।

Flight Lieutenant Siddharth Yadav: हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भालखी माजरा पहुंचा, जिसे देखकर हर चारों ओर मातम छा गया। हर किसी की आंखें आंसुओं से भर आए। इसके बाद शहीद लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा से राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। उनके पिता सुशील यादव ने अपने शहीद बेटे को मुखाग्नि दी। इस दौरान सेना की ओर से शहीद को 21 तोपों की सलामी देकर श्रद्धांजलि दी गई।

बता दें कि आज सुबह करीब 9 बजे शहीद का पार्थिव शरीर रेवाड़ी पहुंचा, जिसके बाद सेक्टर-18 में उनके घर पर ले जाने के बाद परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद पूरे गांव में अंतिम यात्रा भी निकाली गई। इसमें हजारों लोग शामिल हुए और 'सिद्धार्थ यादव अमर रहे' के नारे भी लगाए गए। वहीं, शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।

हादसे से 10 दिन पहले हुई सगाई

बता दें कि 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर क्रैश हुआ था, जिसमें 28 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए थे। वह हरियाणा में रेवाड़ी के सेक्टर-18 में अपने परिवार के साथ रहते थे। पिछले महीने 23 मार्च 2025 को सिद्धार्थ छुट्टी लेकर रेवाड़ी आए थे, जिसके दौरान उनकी सगाई भी हुई थी। इसके बाद 31 मार्च को सिद्धार्थ वापस ड्यूटी पर लौट गए।

वहीं, उनका पूरा परिवार अपने इकलौते बेटे की शादी की तैयारियों कर रहा था। जो कि 2 नवंबर को तय की गई थी। 2 अप्रैल को हुए हादसे में उन्होंने अपने साथी की जान बचाई थी, लेकिन खुद शहीद हो गए। अंतिम संस्कार के दौरान उनकी मंगेतर भी श्मशान घाट पर पहुंची, जो बिलख-बिलख कर रो रही थी।

उनके परिवार के अन्य सदस्य भी सेना में रहे

सिद्धार्थ यादव ने साल नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी एनडीए का एग्जाम पास किया था। इसके बाद 3 साल के कठिन ट्रेनिंग के बाद वह एयरफोर्स में फाइटर पायलट बने। इसके करीब दो साल बाद सिद्धार्थ का प्रमोशन करके फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया। बता दें कि वह अपने परिवार के पहले सदस्य नहीं थे, जो सेना में शामिल हुए थे।

इससे पहले उनकी तीन पीढ़ियां सेना में रह चुकी हैं। सिद्धार्थ के परदादा बंगाल इंजीनियर्स में थे और उनके दादा पैरामिलिट्री फोर्स में सेवा कर चुके हैं। वहीं, उनके पिता सुशील यादव भी एयरफोर्स में रह चुके हैं। हालांकि, मौजूदा समय में वह एलआईसी में नौकरी कर रहे हैं।

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