रेवाड़ी से ये बेरुखी क्यों? : बरसों से पानी की किल्लत से जूझ रहा रेवाड़ी शहर, देरी से छोड़ा जा रहा नहर में पानी

रेवाड़ी शहर के वाटर टैंकों की स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण सर्दी हो या गर्मी हमेशा पानी की किल्लत रहती है। नहरी पानी समय पर नहीं आने की स्थिति में शहर के लोगों को एक-एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है।

Updated On 2025-03-16 20:25:00 IST
रेवाड़ी के कालाका में खाली हुआ वाटर स्टोरेज टैंक।

रेवाड़ी से ये बेरुखी क्यों? : रेवाड़ी शहर के वाटर टैंकों की स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण सर्दी हो या गर्मी हमेशा पानी की किल्लत रहती है। नहरी पानी समय पर नहीं आने की स्थिति में शहर के लोगों को एक-एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है। एक दशक से जन स्वास्थ्य विभाग स्टोरेज की क्षमता कम होने के कारण पानी की आपूर्ति अल्टरनेट-डे पर करता आ रहा है। समस्या उस समय और भी विकराल हो जाती है, जब नहरी पानी की आपूर्ति में विलंब हो जाता है। लोगों को प्यास बुझाने के लिए पानी के कैंपर व टैंकर मंगवाने पड़ते हैं। 12 फरवरी को नहर में पानी आना बंद होने के बाद से जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार जेएलएन नहर में खूबडू हेड से दो से चार दिनों में पानी छोड़ा जाएगा। उनका कहना है कि शेड्यूल के अनुसार 8 मार्च तक पानी आना था, लेकिन अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है। पानी की समस्या को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से नए वाटर वर्क्स के लिए लगातार जमीन की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी कामयाबी नहीं मिल पाई है।

दो-चार दिन में नहर आने की संभावना

फिलहाल जनस्वास्थ्य विभाग ट्यूबवेलों से पानी एकत्रित कर काम चला रहा है। विभाग के कनिष्ठ अभियंता हेमंत कुमार ने कहा कि शहर के लोगों को पानी की कोई दिक्कत नहीं रहे, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरे ट्यूबवेलों से पानी एकत्रित कर काम चलाया जा रहा है। नहर में अभी दो से तीन दिन बाद ही पानी पहुंचने की संभावना है। उन्होंने लोगों से जरूरत के अनुसार पानी इस्तेमाल करने की अपील की है। यदि सोमवार की रात नहर में पानी छोड़ा जाता है तो 19 मार्च की शाम या सुबह रेवाड़ी जेएलएन में पहुंच जाएगा। इसके बाद टैंकों को भरने का काम शुरू किया जाएगा तथा 21 मार्च से पानी की सप्लाई सुचारू की जाएगी।

पानी स्टोरेज करने में टैंकों की कमी

विभाग के पानी स्टोर करने के लिए टैंकों की भारी कमी है। कालाका वाटर वर्क्स में पांच और लिसाना में तीन वाटर टैंक हैं। दोनों वाटर वर्क्स प्लांटों की क्षमता को देखते हुए शहर में पानी की डिमांड पूरी करना आसान नहीं है। इसके लिए कम से कम चार वाटर टैंकों के साथ नए वाटर वर्क्स की आवश्यकता है। वाटर वर्क्स का निर्माण करने के लिए विभाग को कम से कम पांच एकड़ जमीन की जरूरत है। कालाका वाटा वर्क्स के पांच टैंकों की क्षमता 950 गैलन पानी स्टोरज की है, जबकि लिसाना के दो वाटर टैंकों की क्षमता 340 गैलन व एक नए वाटर टैंक की पानी स्टोरेज क्षमता 32 करोड़ 640 लाख लीटर है। नहरी पानी का शेड्यूल पहले 16-16 दिन का था। यानी 16 दिन नहर में पानी आता था और 16 दिन नहर बंद रहती थी। अब 3 साल से शेड्यूल 16-24 का हो गया है। अब 16 दिन नहर में पानी आता है और 24 दिन बंद रहता है।

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