पिता की हत्या करवाई: रेवाड़ी में 50 लाख न मिलने पर बेटे ने दोस्त को दी थी 5 लाख की सुपारी, दोनों गिरफ्तार

पैसों के लालच में बेटा हुआ अंधा, 11 जून को खेत से मिला था शव, गले पर चाकू के चार वार किए गए थे, 5 एकड़ जमीन बेचने से मिले थे 2.50 करोड़ रुपये। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

Updated On 2025-06-13 16:43:00 IST

हरियाणा के रेवाड़ी में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया है। एक बेटे ने अपने पिता की जान ले ली, क्योंकि पिता ने उसे 50 लाख रुपये देने से इनकार कर दिया था। पैसों के लालच ने बेटे को इतना अंधा कर दिया कि उसने अपने ही दोस्त को 5 लाख रुपये की सुपारी देकर अपने पिता का कत्ल करवा डाला। हरियाणा पुलिस ने इस नृशंस हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पिता के हत्यारे बेटे और सुपारी लेने वाले उसके दोस्त दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना साबित करती है कि कई बार पैसे की भूख इंसान को किस हद तक गिरा सकती है।

खेत में मिली लाश, बेटे ने ही दर्ज करवाई शिकायत

मामले की शुरुआत 11 जून को हुई, जब रेवाड़ी के ठोठवाल गांव में खेतों से एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान ठोठवाल गांव के ही निवासी बीर सिंह के तौर पर हुई। चौंकाने वाली बात यह थी कि शुरुआत में मृतक के बेटे रवि ने ही पुलिस को शिकायत दी थी और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने शव का मुआयना किया तो पाया कि बीर सिंह के गले पर चाकू के चार गहरे घाव थे जो उनकी मौत का कारण बने। पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

पैसा बना शक की वजह, बेटे ने कबूल किया जुर्म

पुलिस ने जब बीर सिंह हत्याकांड की गहराई से छानबीन शुरू की तो एक अहम सुराग सामने आया। पता चला कि बीर सिंह ने कुछ ही दिन पहले अपनी 5 एकड़ जमीन बेची थी, जिससे उन्हें करोड़ों रुपये मिले थे। ग्रामीणों से पूछताछ में यह भी सामने आया कि जमीन के पैसे मिलने के बाद से बीर सिंह और उनके बेटे रवि के बीच कई बार तीखी बहस और झगड़े हुए थे। पुलिस को इन्हीं झगड़ों और पैसों के लेनदेन पर शक हुआ। इसी आधार पर पुलिस ने मृतक के बेटे रवि को हिरासत में ले लिया और उससे कड़ाई से पूछताछ शुरू की। पुलिस की थोड़ी ही सख्ती के बाद रवि टूट गया और उसने अपने पिता की हत्या का पूरा राज खोल दिया।

50 लाख की मांग और खूनी साजिश 

आरोपी रवि ने अपने कबूलनामे में पुलिस को बताया कि वह अपने पिता से 50 लाख रुपये मांग रहा था। उसने कई दिनों तक पिता को मनाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने और पैसे देने से साफ इनकार कर दिया, तो रवि ने उन्हें अपने रास्ते से हटाने का एक खौफनाक प्लान बना डाला। इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के लिए रवि ने अपने दोस्त पुंसिका गांव निवासी कृष्ण को 5 लाख रुपये की सुपारी दी।

खेत में बुलाया, चाकू से गोदा, फिर खेला नाटक

योजना के तहत पुंसिका निवासी कृष्ण ने रवि के पिता बीर सिंह को उन्हीं के खेत में बुलाया। खेत में पहुंचने के बाद कृष्ण ने बेरहमी से बीर सिंह की गर्दन पर चाकू से चार वार किए। इन घातक वारों के कारण बीर सिंह ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। हत्या को अंजाम देने के बाद बेटे रवि ने गांव में अपने पिता की खोजबीन का नाटक शुरू कर दिया। उसने ग्रामीणों और परिवारजनों के साथ मिलकर अपने पिता को ढूंढने का दिखावा किया। शाम होते ही रवि ने खुद ही यह सूचना दी कि उसके पिता का शव खेत में पड़ा मिला है, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शुरुआती जांच शुरू की।

सुपारी किलर का झूठ और पुलिस का शिकंजा

पुलिस जब हत्यारे कृष्ण तक पहुंची तो उसने पहले तो खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश की। उसने दावा किया कि घटना वाले दिन वह मौके पर गया ही नहीं था, बल्कि किसी और के साथ हुए झगड़े में उलझा हुआ था। हालांकि, पुलिस ने कृष्ण के इस दावे की सच्चाई जानने के लिए उस व्यक्ति से पूछताछ की, जिससे कृष्ण ने झगड़ा होने का दावा किया था। उस व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि वह पिछले चार महीनों से कृष्ण से मिला ही नहीं था। इस खुलासे के बाद पुलिस का शक और गहरा गया। उन्होंने कृष्ण को हिरासत में लेकर उससे और सख्ती से पूछताछ की, जिसके बाद आरोपी ने आखिरकार अपने जुर्म को कबूल कर लिया और बीर सिंह की हत्या की पूरी कहानी पुलिस के सामने रख दी।

ससुर के इलाज के लिए पैसों की दरकार थी

जांच में यह भी सामने आया कि रवि को पैसों की तुरंत जरूरत थी। उसके ससुर को एक झगड़े में गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें रेवाड़ी से जयपुर के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। रवि को ससुर के इलाज के लिए पैसों की दरकार थी, जिसके लिए वह बार-बार अपने पिता बीर सिंह से पैसे मांग रहा था। लेकिन, बीर सिंह ने पैसे देने से साफ इनकार कर दिया था, जो रवि के अंदर पिता के प्रति आक्रोश की एक बड़ी वजह बनी।

जमीन के 2.50 करोड़ रुपये बने मौत का कारण

बीर सिंह की हत्या का मुख्य कारण उनकी हाल ही में बेची गई जमीन से मिला पैसा ही बना। उन्होंने कुछ समय पहले ही अपनी 5 एकड़ जमीन लगभग 2.50 करोड़ रुपये में बेची थी। इस रकम में से उन्होंने कुछ पैसा तो ब्याज पर लोगों को दे दिया था, लेकिन बाकी की बड़ी रकम उनके पास ही थी। पिता के पास इतनी बड़ी रकम होने के बावजूद रवि को पैसे देने से इनकार करना, इकलौते बेटे के अंदर इतनी नफरत भर गया कि उसने अपने ही पिता के मर्डर की सुपारी दे डाली।

जंगली जानवर का बहाना और संघर्ष के निशान

शुरुआत में आरोपी रवि ने पुलिस को गुमराह करने का भी प्रयास किया था। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उसने यह कहकर कहानी गढ़ने की कोशिश की कि खेत में जंगली जानवर घूमते हैं और हो सकता है किसी जानवर ने ही उसके पिता पर हमला किया हो। हालांकि शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने रवि के झूठ का पर्दाफाश कर दिया। रिपोर्ट में साफ हुआ कि मौत चाकू के वार से हुई है। इसके बाद पुलिस और सक्रिय हुई और गांव में गहन पूछताछ कर पूरे मामले की तह तक पहुंची।

जांच में यह भी सामने आया कि मृतक बीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए हत्यारे कृष्ण से काफी संघर्ष किया था। संघर्ष के दौरान बीर सिंह ने कृष्ण की कमर पर अपने दांतों से काटा था, जिसके निशान कृष्ण के शरीर पर भी मिले हैं। घटनास्थल पर मिले निशानों से भी यह स्पष्ट होता है कि बीर सिंह ने बचने के लिए अंतिम सांस तक प्रयास किया था।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

रेवाड़ी सिटी डीएसपी जोगिंद्र शर्मा ने बताया कि मुख्य आरोपी कृष्ण पुलिस रिमांड पर है और जल्द ही मृतक के बेटे रवि को भी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। डीएसपी ने यह भी बताया कि रिमांड के दौरान हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू को बरामद करने का प्रयास किया जाएगा।  

Tags:    

Similar News