सावन जोत महोत्सव: पाकिस्तान से चली 'मुल्तान सावन जोत' की परंपरा पानीपत में आज भी जीवंत, आप भी जानें आस्था की पूरी कहानी

इस साल महोत्सव की शुरुआत 29 जुलाई को हवन से होगी, जिसके बाद भव्य शोभायात्रा निकलेगी, 30 जुलाई को भजन संध्या होगी, 2 और 3 अगस्त को हरिद्वार में कार्यक्रम होंगे, जिसमें गंगा में ज्योत प्रवाहित की जाएगी। यह महोत्सव आस्था और सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक है।

Updated On 2025-06-16 18:36:00 IST

पानीपत से पिछले साल निकाली गई यात्रा का फोटो। 

पाकिस्तान के मुल्तान जिले से शुरू हुई एक प्राचीन धार्मिक परंपरा जिसे 'मुल्तान सावन जोत' के नाम से जाना जाता है, आज भी पानीपत में श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाई जा रही है। मुल्तान सावन जोत सभा मॉडल टाउन की ओर से इस वर्ष आठवां मुल्तान सावन जोत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जो 29 जुलाई से 3 अगस्त तक चलेगा। यह महोत्सव न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारत-पाकिस्तान विभाजन के बावजूद एक सांस्कृतिक विरासत के रूप में जीवित है।

मुल्तान सावन जोत, एक परंपरा का उद्गम

मुल्तान सावन जोत सभा की शुरुआत पाकिस्तान के मुल्तान जिले के लाला रूप चंद्र मुल्तानी ने की थी। ऐसी मान्यता है कि लाला रूप चंद्र अपने कुछ साथियों के साथ पैदल ही हरिद्वार आते थे और मां गंगा में ज्योत प्रज्वलित करते थे। इस परंपरा का मुख्य उद्देश्य मुल्तान और आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाना था। विभाजन के बाद भी, मुल्तान से विस्थापित हुए लोग इस परंपरा को भारत में खासकर पानीपत में जारी रखे हुए हैं, जो उनकी आस्था और जड़ों से जुड़ाव को दर्शाता है।

महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप

रविवार को मुल्तान सावन जोत सभा मॉडल टाउन की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस वर्ष के महोत्सव की रूपरेखा तैयार की गई। सभा के प्रधान विपिन चुघ ने बताया कि आठवां मुल्तान सावन जोत महोत्सव इस वर्ष भी पूरे धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। बैठक की शुरुआत हनुमान चालीसा के पाठ से हुई। इस दौरान अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के 241 मृतकों की आत्मा की शांति के लिए रामनाम की माला का जाप किया गया। साथ ही, मुल्तान सावन जोत के पूर्व सदस्य स्वर्गीय सुदर्शन कक्कड़, मदन डूडेजा और विशंभर तनेजा की आत्मा की शांति के लिए भी शांति पाठ किया गया। संयोजक हरीश कोचर ने बताया कि अगला महीना भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए यह महोत्सव विशेष महत्व रखता है।

इस बैठक में सुनील पुनियानी, अमन बंधवा, मनोहर मुतनेजा, सुनील थमन, मनोहर शर्मा, नलिन भाटिया, विजय मिगलानी, यश ग्रोवर, प्रदीप कटारिया, ज्ञान सागर वाधवा, ओमप्रकाश टुटेजा, जुगल कंसल, राजीव कंसल और निशांत चुघ सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।

पानीपत और हरिद्वार में होंगे भव्य कार्यक्रम

महासचिव तिलक राज मिगलानी ने महोत्सव के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि 29 जुलाई (मंगलवार) सुबह हवन के साथ महोत्सव शु्रू होगा। शाम को शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें देश के विभिन्न कोनों से झांकियां, सुप्रसिद्ध बैंड बाजे और सुंदर भजन शामिल होंगे। शोभायात्रा मुल्तान भवन मॉडल टाउन से शुरू होकर लाल टंकी मार्केट, रामलाल चौक, भाटिया कॉलोनी, हरी बाग कॉलोनी से होते हुए शिवालय मंदिर गुरुनानकपुरा में संपन्न होगी। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 30 जुलाई को श्री राधा रमन मंदिर विराटनगर में भजन संध्या का आयोजन होगा। इसमें सुप्रसिद्ध भजन गायक विनोद जतिन अग्रवाल (मुंबई) और महावीर शर्मा दिल्ली वाले अपनी मधुर भजनों की प्रस्तुति देंगे। वहीं 2 अगस्त को हरिद्वार के भीम गोड़ा स्थित कृष्ण कृपा धाम में एक शाम राधा रानी के नाम कार्यक्रम रखा गया है।

यह कार्यक्रम गीत गोविंद संकीर्तन मंडल पानीपत द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। 3 अगस्त को भीम गोड़ा चौक पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसके पश्चात शाम को सावन जोत को भीम गोड़ा के कृष्ण कृपा धाम से एक विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी और अंत में ज्योत को मां गंगा मैया में प्रवाहित किया जाएगा। यह महोत्सव न केवल मुल्तान सावन जोत की प्राचीन परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि यह धार्मिक सद्भाव और समुदाय के एकजुटता का भी प्रतीक है। 

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